मध्य प्रदेश में रिश्वतखोरों पर लोकायुक्त की विशेष पुलिस स्थापना का शिकंजा कसा है। भोपाल, होशंगाबाद और चित्रकूट में तीन रिश्वतखोरों को लोकायुक्त की टीमों ने दबोचा है। चित्रकूट में शनिवार सुबह लोकायुक्त की टीम ने मुख्य नगर पंचायत अधिकारी कृष्णपाल सिंह को एक लाख की रिश्वत लेते पकड़ा था तो दोपहर बाद भोपाल, होशंगाबाद में दो पटवारी में कार्रवाई की गई।
जानकारी के मुताबिक भोपाल में एक व्यक्ति के मकान का फौती नामांतरण और लीज के नवीनीकरण का मामला था जिसमें एक वकील श्यामराज सोनी के माध्यम से शक्तिनगर क्षेत्र के पटवारी मंगलेश खंडलवाल ने आवेदन किया था। मकान के फौती नामांतरण व लीज के नवीनीकरण के लिए पटवारी खंडेलवाल ने एक लाख रुपए की रिश्वत की मांग की थी। इसकी आठ हजार रुपए की पहली किश्त के रूप में वकील को पटवारी ने मनीषा मार्केट काम्पलेक्स में बुलाया था और वहीं लोकायुक्त की टीम ने उसे दबोच लिया। पटवारी मंगलेश खंडेलवाल के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा सात के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है।
बही बनाने के लिए मांगी 2000 की रिश्वत
होशंगाबाद जिले में नई बही बनाने के लिए पटवारी होशियारसिंह ने नंदकिशोर आदिवासी से दो हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। नंदकिशोर ने रिश्वत की मांग किए जाने की शिकायत लोकायुक्त की विशेष स्थापना पुलिस के भोपाल एसपी मनु व्यास को की तो शनिवार को ग्राम निसाडिया के पटवारी होशियार सिंह को होशंगाबाद के तहसील कार्यालय में रिश्वत लेते पकड़ा गया।