दुनियाभर में तेजी से बढ़ते कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट के खतरे के बीच दिल्ली में भी कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या एक बार फिर बढ़ने लगी है। ओमिक्रॉन संक्रमण से पीड़ित साहिल ने हिन्दुस्तान से बातचीत में कहा कि मुझे न खांसी थी और न बुखार जैसा कोई लक्षण। मैं पूरी तरह ठीक था। मुझे तो यह भी नहीं लग रहा था कि मैं कोरोना संक्रमित हूं।
एयरपोर्ट पर जांच ही नहीं हुई
27 वर्षीय साहिल ने बताया कि 4 दिसंबर को वे दुबई से दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे। ई-सुविधा का इस्तेमाल कर एयरपोर्ट से बाहर निकले। किसी ने उनकी जांच नहीं की। रोहिणी में घर लौटने के बाद वे आम जीवन जी रहे थे। किसी काम से मुंबई जाना था, इसलिए तीन दिन बाद 7 दिसंबर को कोरोना की जांच कराई। अगले दिन जांच रिपोर्ट में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। 10 दिसंबर को स्वास्थ्य विभाग से कॉल आया कि कोरोना के ओमिक्रॉन वाले वैरिएंट से संक्रमित होने का पता चला है।
दरअसल, जब साहिल कोरोना संक्रमित हुए तो उनकी ट्रैवल हिस्ट्री देखी गई और विदेश से लौटने का पता चला तो उनके सैंपल की जीनोम सिक्वेंस जांच कराई गई।
घर के बाहर सुरक्षा गार्ड तैनात
साहिल ने बताया कि जांच में ओमिक्रॉन की पुष्टि होने के बाद उनके घर के सामने चार सुरक्षा गार्ड तैनात कर दिए गए। उन्होंने कहा कि वह खुद सुरक्षा के तौर पर घर में आइसोलेशन में रह रहे थे। ऐसे में सुरक्षा गार्ड का बाहर रखना उन्हें पसंद नहीं आया। ओमिक्रॉन की पुष्टि होने के बाद 11 दिसंबर को उन्हें लोक नायक अस्पताल ले जाने के लिए घर के नीचे एंबुलेंस भेजी गई। अस्पताल में उन्हें अलग कमरा दिया गया था। वहां कुछ दिन बाद और ओमिक्रॉन संक्रमित आ गए। करीब 35 से 40 कोरोना संक्रमित वहां थे। अधिकतर में लक्षण नहीं थे।
दवा नहीं ली : साहिल ने बताया कि चूंकि उन्हें कोई लक्षण नहीं थे तो कोई दवा भी नहीं ली, लेकिन उनके कमरे में जिंक, विटामिन सी, पैरासिटामोल जैसी सामान्य दवाएं रख दी जाती थीं, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं लिया। 16 दिसंबर को साहिल को घर भेज दिया गया।
पहली लहर में भी संक्रमित हुए थे
उन्होंने बताया कि ये कोई पहली बार नहीं है कि वे संक्रमित हुए हों। पहली लहर के दौरान भी संक्रमित हो चुके हैं। उन्होंने टीके की दोनों खुराक ली है। साहिल ठाकुर को अब अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है। अभी उनको घर पर 14 दिन के लिए होम क्वारंटाइन रखा गया है। साहिल के घर के बाहर कुछ सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की गई है। ये सुरक्षाकर्मी सुनिश्चित कर रहे हैं कि उनके घर पर कोई अन्य न आ सके।