दिल्ली की रोहिणी अदालत में गोलीकांड (Rohini Court Shootout Case) से संबंधित एक मामले में दिल्ली पुलिस ने आरोपपत्र दाखिल किया है और इस घटना के पीछे गहरी साजिश का खुलासा किया है। रोहिणी की अदालत में हुई गोलीबारी में गैंगस्टर जितेंद्र गोगी और वकील के वेश में आए दो हमलावर मारे गए थे। हमलावर विरोधी गिरोह के थे, जिन्होंने अदालत कक्ष के भीतर विचाराधीन कैदी गोगी पर गोली चलाई थी।
यह घटना 24 सितंबर को उस समय हुई थी जब गोगी के विरुद्ध हत्या के प्रयास के मामले की सुनवाई हो रही थी। घटना के तत्काल बाद पुलिस की जवाबी कार्रवाई में दोनों हमलावर मारे गए थे। पुलिस की ओर से 17 दिसंबर को अदालत में दाखिल आरोपपत्र में उमंग यादव, विनय यादव, आशीष कुमार और दो गैंगस्टरों- सुनील बालियान उर्फ टिल्लू और नवीन डबास उर्फ बल्ली को आरोपी बनाया गया है।
मृत हमलावरों राहुल और जयदीप उर्फ जग्गू के विरुद्ध भी आरोपपत्र दाखिल किया गया था जिसे बाद में हटा लिया गया। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या), 353 (हमला), 186 (जनसेवक को काम करने से रोकना) और हथियार कानून के विभिन्न प्रावधानों के तहत दर्ज मामले में अंतिम रिपोर्ट दाखिल की है।
विशेष पुलिस आयुक्त (क्राइम) देवेश श्रीवास्तव ने कहा कि मामले की जांच अपराध शाखा ने की। इस मामले में पांच व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। जांच के दौरान आरोपियों के विरुद्ध सभी भौतिक, मौखिक, वास्तविक और तकनीकी साक्ष्य एकत्र किए गए। हत्या के पीछे गहरी साजिश का खुलासा हुआ।
उन्होंने कहा कि जांच के दौरान पता चला कि जितेंद्र गोगी की हत्या की साजिश में कुछ और लोग भी शामिल थे। इस संबंध में आगे की जांच प्रगति पर है।
पुलिस ने कहा कि गोगी को एक मामले के संबंध में पेशी के लिए रोहिणी की अदालत में लाया गया था और उसकी जान को बड़ा खतरा था, इसलिए उसके साथ दिल्ली सशस्त्र पुलिस (डीएपी) की तीसरी बटालियन के सुरक्षाकर्मी मौजूद थे। विशेष आयुक्त ने एक बयान में कहा कि विशेष इकाई और स्थानीय पुलिस भी मौजूद थी।