मैं, मेरे माता-पिता हत्यारे नहीं…ये वो आखिरी शब्द हैं जो एक बेटे ने अपने अंतिम वीडियो में सुसाइड से पहले कहे। हरियाणा के जींद में मां-बाप और बेटे की मौत ने पुलिस-प्रशासन और समाज पर कई अहम सवाल खड़े कर दिये हैं। धनौरी गांव में एक ही परिवार के जिन तीन सदस्यों ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली उनकी पहचान ओमप्रकाश उनकी पत्नी कमलेश और बेटे सोनू के तौर पर हुई है। बीते बुधवार को पति-पत्नी के शव घर के कमरे में मिले थे जबकि बेटे सोनू का शव बरामदे में फंदे से लटका मिला था। तीन मौतों के बाद इलाके में सनसनी फैल गई थी।
बेटे का आखिरी वीडियो
मरने से पहले सोनू ने अपना आखिरी वीडियो बनाया था। खुदकुशी से ठीक पहले बनाए गए इस वीडियो में सोनू ने कहा..हम हत्यारे नहीं हैं और ना ही हमें पता है कि नन्हू का मर्डर किसने किया है। मैं, मेरे माता-पिता नन्हू के घरवालों के डर से मर रहे हैं। उनकी मौत के जिम्मेदार गली के लोग हैं क्योंकि उन्होंने सच की गवाही नहीं दी।’
पुलिस पर भी लगे इल्जाम
सोनू के इस वीडियो के अलावा मृतक परिवार का एक सुसाइड नोट भी सामने आया है। इस सुसाइड नोट में गांव के ही 7 लोगों पर आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया गया है। जिसके बाद पुलिस ने 7 लोगों पर नामजद और 3-4 अन्य महिलाओं के खिलाफ केस दर्ज किया है। इतना ही नहीं घटना के बाद मृतक के परिजनों का यह भी आरोप है कि पड़ोसियों के अलावा पुलिस भी ओमप्रकाश, उनकी पत्नी और बेटे को टॉर्चर करती थी, जिसकी वजह से उन्होंने यह आत्मघाती कदम उठा लिया।
यह है पूरा मामला
दरअसल ओमप्रकाश के भाई बलराज के घर का एक सदस्य मनीराम उर्फ नन्हू 21 नवंबर को लापता हो गया और 29 नवंबर को उसका शव मिला था। जिसके बाद नन्हू की हत्या का शक बलराज और ओमप्रकाश पर जताया जा रहा था। इसके बाद 2 दिसंबर को बलराज का शव खेत में मिला था। कहा गया था कि बलराज ने मानसिक तनाव में आकर आत्महत्या कर ली है।
इसके बाद से पुलिस, नन्हू की मौत को लेकर कई बार ओमप्रकाश और उसके घरवालों से पूछताछ कर चुकी थी। यहां तक कि ओमप्रकाश के पड़ोसी उसपर और उसके घरवालों पर नन्हू की हत्या करने का आरोप भी दबी जुबान में लगा रहे थे। कहा जा रहा है कि पड़ोसियों और पुलिस की इसी प्रताड़ना से तंग आकर ओमप्रकाश और उसके घर के सदस्यों ने आत्महत्या की है।