भारत में एक साल के लंबे संघर्ष के बाद किसानों ने अपना आंदोलन खत्म कर दिया है। लेकिन अब पाकिस्तान के किसानों ने अपनी मांगों को लेकर आंदोलन तेज कर दिया है। मामला पाक के पंजाब प्रांत का है। यहां किसानों ने गेहूं समर्थन मूल्य और बिजली बिलों में अधिक बिलिंग के मुद्दे पर प्रांतीय सरकार के खिलाफ अपना विरोध तेज कर दिया है।
पाकिस्तान के पंजाब राज्य में किसानों ने विभिन्न मांगों को लेकर अपना आंदोलन तेज कर दिया है। डॉन के अनुसार, पाकिस्तान किसान इत्तेहाद (पीकेआई) के प्रतिनिधिमंडल ने लाहौर के सिविल सचिवालय में पंजाब के मुख्य सचिव कामरान अली अफजल से मुलाकात की और बाद में सोमवार को यहां अपना विरोध प्रदर्शन स्थगित करने की घोषणा की। प्रतिनिधिमंडल से बात करते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि उनके कार्यालय के दरवाजे सभी के लिए खुले हैं और सड़कों पर आने का कोई औचित्य नहीं है।
मुख्य सचिव कामरान अली ने कहा, “सरकार किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए कदम उठा रही है और प्रांतीय प्रशासन पहले से ही गेहूं समर्थन मूल्य और बिजली बिलों में अधिक बिलिंग के मुद्दे पर संघीय सरकार के संपर्क में है। गेहूं की फसल के लिए निश्चित मूल्य पर यूरिया की उपलब्धता के लिए प्रशासन कड़ी मेहनत कर रही है और किसी को भी मुनाफाखोरी के जरिए उत्पादकों का शोषण नहीं करने दिया जाएगा।”
किसानों पर पाक सरकार की सख्ती
दूसरी ओर, पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने लाहौर आने वाले किसानों के जुलूसों को रोक दिया और कई आंदोलनकारी किसानों को गिरफ्तार कर लिया। पीकेआई के खालिद हुसैन बट ने मुख्य सचिव कामरान को किसानों की समस्याओं से अवगत कराया।
इससे पहले प्रतिनिधिमंडल में राष्ट्रपति उमैर मसूद, इफ्तिखार अहमद, मेहर अकमल और मुहम्मद हुसैन शामिल थे, जबकि अतिरिक्त मुख्य सचिव, कृषि सचिव, लाहौर संभाग आयुक्त और ओकारा और कसूर के उपायुक्त भी उपस्थित थे। सूत्रों के मुताबिक, ओकारा और कसूर के जिला प्रशासन ने रविवार देर रात लाहौर-मुल्तान रोड के विभिन्न चौराहों पर 2,000 से अधिक किसानों को रोका।