दिल्ली में एक बार फिर मरीजों को परेशानी होने वाली है। राजधानी के सरकारी अस्पतालों में 17 दिसंबर से डॉक्टरों की हड़ताल शुरू हो रही है जिसके चलते ओपीडी के साथ-साथ आपातकालीन सेवाएं तक प्रभावित रह सकती हैं। बुधवार देर रात फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) ने फिर से हड़ताल पर जाने की घोषणा की है।
फोर्डा ने दिल्ली के अलावा दूसरे राज्यों के मेडिकल कॉलेज में भी रेजिडेंट डॉक्टरों से हड़ताल में शामिल होने की अपील की है। फोर्डा के अनुसार आश्वासन मिलने के सप्ताह भर बाद भी केंद्र सरकार की ओर से उनकी मांग पर कोई प्रतिक्रिया देखने को नहीं मिली है। नीट पीजी काउंसलिंग के मामले में अभी भी केंद्र सरकार ने तारीख घोषित नहीं की है जिसके चलते डॉक्टर फिर से हड़ताल पर जाने को मजबूर हैं।
इससे पहले बीते छह दिसंबर से डॉक्टरों ने हड़ताल की थी जिसके चलते दिल्ली में ही छह हजार से अधिक ऑपरेशन टालने पड़ गए थे। जबकि सफदरजंग सहित कई अस्पताल मरीजों से पूरी तरह से खाली हो चुके थे। करीब चार दिन तक चली इस हड़ताल को फोर्डा ने पिछले सप्ताह अस्थायी रोक लगाई थी और सरकार को एक सप्ताह का वक्त दिया था लेकिन अब संगठन ने फिर से हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है। फोर्डा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मनीष ने बताया कि इस बार रेजिडेंट डॉक्टर ओपीडी के साथ आपातकालीन वार्ड में भी काम का बहिष्कार करेंगे।