भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी के बाद अब बसपा के पूर्व मंत्री हाजी याकूब ने भी चुनाव लड़ने से मना कर दिया है। उन्होंने कहा है कि वह विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। उनके बेटे हाजी इमरान कुरैशी चुनाव लड़ेंगे।
हाजी याकूब की मेरठ समेत वेस्ट यूपी में मुस्लिम राजनीति में पकड़ रही है। वह 2002 और 2007 में विधायक बने। 2002 में वह खरखौदा सीट से बसपा के टिकट पर विधायक बने थे। 2007 में बसपा से टिकट नहीं मिलने पर यूपी यूडीएफ उम्मीदवार के तौर पर मेरठ शहर से चुनाव लड़े और जीत दर्ज की। बाद में वह फिर बसपा में शामिल हो गए। 2012 में चौधरी अजित सिंह की पार्टी रालोद से उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ा। सफलता नहीं मिली। हालांकि पूर्व मंत्री और पूर्व विधायक की हैसियत से राजनीति में वह सक्रिय हैं। 2019 में मेरठ लोकसभा और 2014 में मुरादाबाद लोकसभा से चुनाव लड़ चुके हैं। दो दशक से अधिक समय तक राजनीति में सक्रिय रहे हाजी याकूब अब विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। उनकी जगह उनके बेटे अब मेरठ दक्षिण सीट से बसपा से दावेदारी कर रहे हैं। जल्द ही प्रत्याशी घोषित होने की उम्मीद है।
डेनमार्क के कार्टूनिस्ट को लेकर चर्चित हुए थे याकूब
पूर्व मंत्री हाजी याकूब डेनमार्क के कार्टूनिस्ट को लेकर काफी चर्चित हुए थे। 2006 में डेनमार्क के कार्टूनिस्ट को लेकर उन्होंने 51 करोड़ का इनाम घोषित कर दिया था। तब वे देश-विदेश में चर्चित हो गए थे। वैसे वह अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चाओं में रहे हैं। कोरोना संक्रमण के दौरान वह अस्वस्थ हो गए थे, तब से लगातार स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। अब विधानसभा चुनाव से उन्होंने किनारा कर लिया है।
मैं नहीं मेरा बेटा लड़ेगा विधानसभा चुनाव
इस बार मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा। बहन जी के आशीर्वाद से मेरा बेटा हाजी इमरान कुरैशी मेरठ दक्षिण से चुनाव लड़ेगा। धर्मनिरपेक्ष ताकतों को मजबूत बनाने का काम करता रहूंगा। सांप्रदायिक ताकतों को शिकस्त देनी है
– हाजी याकूब कुरैशी, पूर्व मंत्री।