विधानसभा चुनाव में धनबल पर लगाम कसने की तैयारी तेज है।
चुनाव आयोग ने सप्त व्यूह की रचना की है। प्रत्येक जिले में सात स्तरों पर चुनाव खर्चों पर नजर रखी जाएगी। आयोग ने जिला निर्वाचन अधिकारियों को इसकी तैयारी के आदेश दिये हैं। खर्च की मॉनिटरिंग के लिए सातों स्तर पर अधिकारियों की तैनाती होगी।
इलेक्शन एक्सपेंडिचर सेल के नोडल अधिकारी डॉ. कमल किशोर सिंह ने जिलों को चुनाव आयोग की योजना से अवगत कराया है। जिला निर्वाचन अधिकारियों को उन्होंने कहा है कि आयोग के इसी योजना के मुताबिक जिलों में अधिकारियों की सात स्तरों पर तैनाती की जाए। सभी दल व प्रत्याशियों के खर्च की मॉनिटरिंग होगी। प्रत्येक जिले में हो रही गतिविधि के संबंध में स्टेट नोडल अधिकारी को प्रतिदिन रिपोर्ट भी भेजी जाएगी। आयोग इस मुकम्मल तैयारी में है कि हर हाल में स्वच्छ और निष्पक्ष चुनाव हो।
01: सबसे ऊपर एक्सपेंडिचर ऑब्जर्वर
जिले में चुनाव खर्च की मॉनिटिरंग के लिए प्रत्येक जिले में एक एक्सपेंडिचर ऑव्जर्वर की प्रतिनियुक्ति का आदेश दिया गया है, इनके ठीक नीचे इनकी सहायता के लिए एक असिस्टेंट एक्सपेंडिचर ऑव्जर्वर की तैनाती होगी। ये दोनों अधिकारी जिले में तैनात सभी टीम के काम की समीक्षा करेंगे और आयोग को अपनी दैनिक रिपोर्ट भेजेंगे।
02 : वीडियो सर्विलांस टीम व वीडियो व्यूइंग टीम
वीडिया सर्विलांस टीम जहां प्रत्येक जनसभा व जनसंपर्क अभियान की वीडियो रिकार्डिंग करेगा वहीं वीडियो व्यूइंग टीम रिकार्डिंग देखकर उसका विश्लेषण करेगी। यह आकलन किया जाएगा कि किसी जनसभा या समारोह के आयोजन में कितना खर्च किया गया और कहीं आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन तो नहीं किया गया।
03 : एकाउंटिंग टीम देखेगी हिसाब-किताब
प्रत्येक जिले में चुनाव खर्च का हिसाब-किताब लगाने के लिए एक एकाउंटिंग टीम की भी तैनाती होगी। यह टीम प्रत्याशी या दल द्वारा दिए गए हिसाब के ब्योरे की जांच करेगी। किसी तरह की गड़बड़ी पकड़े जाने पर यह टीम अपनी रिपोर्ट एक्सपेंडिचर ऑव्जर्वर को देगी।
04: कंप्लेन मॉनिटरिंग कंट्रोल रूम व कॉल सेंटर
चुनाव की अधिसूचना जारी होते ही प्रत्येक जिले में कंप्लेन मॉनिटरिंग कंट्रोल रूम व कॉल सेंटर को सुचारू किया जाएगा। यह सेल तीन या चार हंटिंग लाइन के साथ 24 घंटे कार्यरत रहेगा। इसमें किसी दल या प्रत्याशी के संबंध में आयीं शिकायतें दर्ज की जाएंगी। इसकी दैनिक रिपोर्ट भी आयोग को भेजी जाएगी।
05 : मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मॉनिटरिंग कमेटी
यह कमेटी किसी भी दल या प्रत्याशी के संबंध में छपी सूचना व विज्ञापनों की मॉनिटरिंग करेगा। पेड न्यूज के अलावा सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे विज्ञापनों का भी हिसाब-किताब रखा जाएगा। दल या प्रत्याशी के खर्च छिपाये जाने पर यह टीम उसका आंकड़ा प्रस्तुत करते हुए उसे चुनाव खर्च में शामिल होने की अनुशंसा एक्सपेंडिचर ऑव्जर्वर से करेगा।
06 : फ्लाइंग स्क्वायड एंड स्टैटिक सर्विलांस टीम
प्रत्येक विधानसभा में कम से कम तीन स्टैटिक सर्विलांस टीम बनाने का आदेश है। यह टीम अवैध नगद लेन-देन पर नजर रखेगी। शराब की आवाजाही व खपत पर भी नजर रखेगी। वोटरों की खरीद फरोख्त के लिए इस्तेमाल किये जा सकने वाले दूसरे साधनों की भी मॉनिटिरंग करेगी। वाहनों की अवैध आवाजाही को रोकना भी इसकी जवाबदेही होगी।
07 : अन्य टीमों में भी बांटी गई जवाबदेही
इसके अलावा सात स्तरीय व्यूह में ऐसे अधिकारियों को शामिल किया गया है, जिन्हें एयर ट्रैफिक कंट्रेाल से संपर्क कर विमानों की उड़ान, उनकी जांच, संदिग्ध आरटीजीएस व दूसरे बैंकिंग लेन देन, प्रत्याशियों के नजदीकी व उनके परिजनों के बैंक खातों की मॉनिटरिंग आदि का काम सौंपा गया है। उपहार के लेन देन व उसके परिवहन आदि पर भी इसकी नजर होगी।