राजधानी दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के बीच निर्माण और तोड़फोड़ की गतिविधियों पर अगले आदेश तक रोक जारी रहेगी। इसके साथ ही सीएनजी चालित तथा आवश्यक सेवाओं में लगे ट्रकों को छोड़कर अन्य सभी ट्रकों का राजधानी में प्रवेश निषेध रहेगा। इस संबंध में 16 दिसंबर को दोबारा समीक्षा की जाएगी।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने राजधानी में वायु प्रदूषण की स्थिति की समीक्षा के लिए सोमवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में नगर निगमों, अग्निशमन विभाग, लोक निर्माण विभाग एवं अन्य संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर दो दिसंबर को दिल्ली सरकार ने बच्चों के स्वास्थ्य पर वायु प्रदूषण के प्रभाव को कम से कम करने के लिए राजधानी में सभी स्कूलों को अगले आदेश तक बंद करने की घोषणा की थी। इससे पहले कोर्ट ने निर्माण कार्यों और तोड़फोड़ जैसे कामों और ट्रकों के शहर में प्रवेश पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी। हालांकि, सीएनजी से चलने वाले वाहन, ई-ट्रक एवं जरूरी सामानों की ढुलाई करने वाले वाले वाहनों को छूट दी गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को दिल्ली-एनसीआर में निर्माण पाबंदी हटाने एवं औद्योगिक इकाइयों पर प्रतिबंधों में ढील देने संबंधी अर्जियों पर एक सप्ताह के अंदर गौर करने को कहा था।
दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता अब भी ‘खराब’
राजधानी दिल्ली में हवा की गुणवत्ता सोमवार को भी ‘खराब’ श्रेणी में बनी रही। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) पोर्टल ने सुबह 7.30 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 256 दर्ज किया। एनसीआर क्षेत्र के नोएडा और गुरुग्राम में भी वायु गुणवत्ता ‘खराब’ है। गुरुग्राम में एक्यूआई 286 और नोएडा में 256 दर्ज किया गया।
गौरतलब है कि 0 से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’ माना जाता है, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच एक्यूआई को ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बहुत खराब’, और 401 और 500 के बीच एक्यूआई को ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है।