दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि मादक पदार्थों की तस्करी के कारण, खासकर किशोरों और छात्रों समेत समाज के एक बड़े वर्ग में नशीले पदार्थ की लत बढ़ रही है।
हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता राम भरोसे की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि हाल के वर्षों में इस समस्या ने खतरनाक रूप ले लिया है और समाज पर इसका घातक प्रभाव पड़ा है। राम भरोसे के पास से कथित तौर पर 270 ग्राम स्मैक बरामद किया गया था।
जमानत याचिका खारिज करते हुए जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा कि चूंकि जांच अभी शुरुआती चरण में है तथा इस समय यह नहीं कहा जा सकता कि यह मानने के लिए उचित आधार हैं कि आरोपी, अपराध का दोषी नहीं है। उन्होंने कहा कि अदालत आरोपी राम भरोसे को जमानत देने की इच्छुक नहीं है। अदालत ने कहा कि आरोपी ने कथित तौर पर वितरण के लिए मादक पदार्थ बेचने वालों को इसकी तस्करी की।
अदालत ने कहा कि यह देखा गया है कि अंडरवर्ल्ड की संगठित गतिविधियां बढ़ने और मादक पदार्थों की तस्करी के परिणामस्वरूप जनता के एक बड़े वर्ग, विशेष रूप से किशोरों के बीच नशीली दवाओं की लत बढ़ी है। अदालत ने कहा कि हाल के वर्षों में इस खतरे ने गंभीर और खतरनाक रूप धारण कर लिया है, जिसका समग्र रूप से समाज पर घातक प्रभाव पड़ा है।
अदालत ने पाया कि राम भरोसे मादक पदार्थ से जुड़े एक अन्य मामले भी आरोपी है और जमानत पर रिहा होने की सूरत में उसके इस तरह का अपराध करने की आशंका है।