एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने कहा है कि 2020 में एशिया की विकासशील अर्थव्यवस्थाएं मंदी की गिरफ्त में आएंगी।
एडीबी ने मंगलवार को अपने अनुमानों का अपडेट जारी करते हुए कहा कि 60 साल में यह पहला मौका होगा, जबकि विकासशील एशिया की अर्थव्यवस्थाओं में गिरावट आएगी। वहीं एडीबी ने चालू वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में नौ फीसद की गिरावट का अनुमान लगाया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल मिलाकर यह इस क्षेत्र में 1960 के दशक की शुरुआत के बाद सबसे बड़ी गिरावट होगी। एडीबी के मुख्य अर्थशास्त्री यासुयुकी सवादा ने कहा, ”यह हमारे क्षेत्र के लाखों लोगों को गरीबी से निकालने के प्रयासों के लिए एक बड़ा झटका है।
अर्थव्यस्था की गिरावट बड़ी रह सकती है
एडीबी के परिदृश्य अपडेट में कहा गया है कि इस साल यानी 2020 में क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था में 0.7 फीसद की गिरावट आएगी। हालांकि, 2021 में यह क्षेत्र 6.8 फीसद की वृद्धि दर्ज करेगा। एडीबी ने कहा कि यदि कोरोना वायरस की स्थिति और खराब होती है, तो क्षेत्र की अर्थव्यस्था की गिरावट भी बड़ी रह सकती है। एडीबी ने फिलिपीन और इंडोनेशिया जैसी क्षेत्र की कई अर्थव्यवस्थाओं के वृद्धि दर के अनुमान को घटाया है। इन देशों कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़े हैं।
2021 में चीन की वृद्धि दर 7.7 फीसद रहेगी
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन से इस महामारी की शुरुआत हुई थी, लेकिन वह इससे उबर चुका है। एडीबी का अनुमान है कि इस साल चीन अपनी अर्थव्यवस्था में 1.8 फीसद की वृद्धि दर्ज करेगा। वहीं 2021 में चीन की वृद्धि दर 7.7 फीसद रहेगी। 2019 में चीन की वृद्धि दर 6.1 फीसद रही थी। यह दशकों में सबसे धीमी वृद्धि थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्पादन केंद्र के रूप में अपनी पहचान की वजह से एशिया महामारी के झटके को सह पाया है। एशिया को चिकित्सा उपकरणों, डिजिटल उपकरणों और ऑप्टिकल उपकरणों का प्रमुख केंद्र माना जाता है।