किसान आंदोलन की समाप्ति के बाद घरों को वापस लौट रहे किसानों के कारण दिल्ली-सोनीपत-करनाल राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) पर शनिवार को भीड़ बढ़ने से ट्रैफिक की रफ्तार धीमी हो गई। किसान आज से ट्रैक्टरों और अन्य वाहनों के काफिले से अपने गृह राज्यों पंजाब और हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की ओर लौटने लगे हैं।
हाईवे पर वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लगी देखी गईं। ट्रैक्टर-ट्रॉलियों व अन्य वाहनों के काफिले को देखते हुए एनएच पर कई जगहों पर जाम के हालात पैदा हो गए।
इस दौरान, केंद्र के तीन कृषि कानून की वापसी के लिए किसानों के परिवारों ने रास्ते में कई जगहों पर पंजाब और हरियाणा के किसानों का स्वागत माला, ‘लड्डू’, ‘बर्फी’ और अन्य मिठाइयों के साथ किया। इसके साथ ही रास्ते में कुछ जगहों पर लंगर की भी व्यवस्था की गई थी।
सोनीपत के एक ट्रैफिक पुलिस अधिकारी ने बताया कि सोनीपत-करनाल एनएच पर ट्रैफिक धीमी गति से चल रहा था। उन्होंने कहा कि कुछ वाहन हाईवे पर गलत साइड से चलने की कोशिश कर रहे थे, जिससे ट्रैफिक जाम बढ़ रहा था।
दिल्ली-रोहतक राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी कुछ बिंदुओं पर ट्रैफिक की गति धीमी हो गई थी और बड़ी संख्या में किसान अपने घरों को लौट रहे थे। ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए प्रमुख राजमार्गों पर विभिन्न बिंदुओं पर कई पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है।
40 किसान यूनियनों वाले संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने गुरुवार को तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन को स्थगित करने का फैसला किया था और घोषणा की थी कि किसान 11 दिसंबर को दिल्ली की सीमाओं पर विरोध स्थलों से घर वापस जाएंगे। किसानों के आंदोलन का समर्थन करने वाले ग्रामीणों और अन्य लोगों ने किसान संगठनों के झंडों और पुष्प वर्षा के साथ राजमार्गों पर उनका स्वागत किया।
हरियाणा पुलिस ने शुक्रवार को कहा था कि उसने राज्य में राष्ट्रीय राजमार्गों पर यातायात की परेशानी मुक्त आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। हरियाणा पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा था कि पुलिस अधीक्षकों को दिल्ली और अंबाला, और बहादुरगढ़ और हिसार/जींद के बीच सभी जिलों में यातायात के सुचारू प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए उचित यातायात, सुरक्षा और कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।