रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स की एक रिपोर्ट आई है। इसके एक रिपोर्ट में चीन को दुनिया के पत्रकारों के लिए सबसे बड़ा जेल बताया गया है क्योंकि चीन में 125 से अधिक पत्रकारों को हिरासत में रखा गया है। रिपोर्ट के मुताबिक कम से कम 127 पेशेवर और गैर-पेशेवर पत्रकारों को शी जिनपिंग सरकार द्वारा हिरासत में लिया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक संवेदनशील विषयों पर रिपोर्ट करने या जांच करने या सेंसर की गई जानकारी प्रकाशित करने के कारण आपको सालों तक जेल में रहना पड़ सकता है और जहां गलत इलाज से आपकी मौत हो सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक 127 हिरासत में लिए गए पत्रकारों की वजह में से आधे से अधिक में 71 उइगर पत्रकार शामिल हैं। बता दें कि चीन 2016 से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के नाम पर उइगरों के खिलाफ एक हिंसक अभियान चला रहा है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे चीनी सरकार पत्रकारों को अपने शासन का मुखपत्र बनने के लिए मजबूर कर रही है। रिपोर्ट की मानें तो पत्रकारों को अपने प्रेस कार्ड प्राप्त करने और अपडेट करवाने के लिए शी जिनपिंग के ‘थॉट’ पर आंशिक रूप से ध्यान केंद्रित करते हुए 90 घंटे के सालाना ट्रेनिंग से गुजरना पड़ता है।
2020 में निगरानी और वीजा ब्लैकमेल के आधार पर चीन ने 18 विदेशी पत्रकारों को देश छोड़ने के लिए मजबूर किया था। इसी साल चीन ने कोरोना वायरस महामारी को रिपोर्ट करने के लिए कम से कम दस पत्रकारों को भी गिरफ्तार किया था। फॉरेन कॉरेस्पॉन्डेंट्स क्लब ऑफ चाइना (FCCC) ने भी कहा है कि चीन ने 2020 में कोरोनो वायरस को लेकर विदेशी रिपोर्टिंग को सीमित करने के लिए डराने-धमकाने और वीजा प्रतिबंधों का इस्तेमाल किया है।