सीडीएस जनरल बिपिन रावत के निधन पर राज्य में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है। 9 दिसंबर से 11 दिसंबर तक राज्य में राजकीय शोक रहेगा। राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से आदेश किए गए। सचिव विनोद कुमार सुमन की ओर से राजकीय शोक के आदेश जारी किए गए।
विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन गुरुवार को सीडीएस जनरल बिपिन रावत को श्रद्धांजलि दी जाएगी। जनरल रावत को संवेदना व्यक्त करने के अलावा पहले दिन सदन में कोई भी कामकाज नहीं होगा। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि विधानसभा में हुई कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में सर्व सम्मति से यह निर्णय लिया गया है।
उन्होंने कहा कि सीडीएस जनरल बिपिन रावत देश के साथ ही उत्तराखंड की भी शान थे। उत्तराखंड का होने की वजह से उनका हम सभी से विशेष लगाव था। अग्रवाल ने कहा कि गुरुवार को विधानसभा की कार्यवाही 11 बजे शुरू होगी लेकिन पहले दिन के सभी कार्यक्रम रोककर उन्हें श्रद्धांजलि प्रदान की जाएगी। संवेदना के बाद सदन की कार्यवाही को अगले दिन तक के लिए स्थगित कर दिया जाएगा।
शुक्रवार सुबह फिर एक बार कार्य मंत्रणा समिति की बैठक आयोजित होगी। जिसमें सत्र का एजेंडा तय किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र की अवधि एक दिन शनिवार तक दिन बढ़ा दी गई है। उन्होंने कहा कि शुक्रवार और शनिवार को सदन की कार्यवाही चलेगी।
सत्र के लिए मांगा विपक्ष का सहयोग
विधानसभा में बुधवार को सत्र को लेकर दलीय नेताओं की बैठक भी आयोजित की गई। इस दौरान शीतकालीन सत्र को सफलतापूर्वक संचालित करने को लेकर चर्चा की गई। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं से सत्र को सफलता पूर्वक संचालित करने का अनुरोध किया।
उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष के साथ ही विपक्ष ने भी सदन में रचनात्मक सहयोग का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि शीतकालीन सत्र विधानसभा का संभवत अंतिम सत्र है। ऐसे में इस सत्र के सफलता पूवर्क चलाने के प्रयास किए जाएंगे। बैठक में विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान, संसदीय कार्य मंत्री बंशीधर भगत, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल, करण माहरा आदि मौजूद रहे।