राजधानी में अब भी बिना लक्षण वाले मरीजों की संख्या अधिक, इनमें भी बहुत सारे चाहते हैं आइसोलेशन लेकिन फार्म भरना और दस्तखत लेना भारी पड़ा
| कोरोना मरीजों के लिए होम आइसोलेशन की वजह से राजधानी में थोड़ी राहत मिली है, लेकिन यह प्रक्रिया भी अब अफसरशाही और सरकारी पचड़ों में उलझ रही है। , जिनमें मरीजों के पास होम आइसोलेशन की पर्याप्त व्यवस्था है और वे फार्म भर रहे हैं लेकिन डाक्टरों के दस्तखत के लिए दो-दो दिन भटक रहे हैं। स्मार्ट सिटी ने जोनवार डॉक्टरों का नंबर तो जारी कर दिया है, लेकिन जिनके नंबर जारी हुए हैं, वे डाक्टर ही मरीजों से कह रहे हैं कि वे कोरोना का इलाज करने के लिए और होम आइसोलेशन के फार्म पर हस्ताक्षर करने के लिए अधिकृत नहीं है। इधर, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने भी मुख्यमंत्री स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर जोनवार निजी डॉक्टरों के मोबाइल नंबर जारी करने पर आपत्ति की है।
तात्यापारा के एक व्यक्ति मिले, जिनके 28 साल के बेटे में कोरोना संक्रमण पाया गया है। उनका घर काफी बड़ा है और होम आइसोलेशन के लिए जरूरी मापदंड को पूरा करता है। वह फार्म भर चुके हैं लेकिन इसमें हस्ताक्षर के लिए भटक रहे हैं। इनके जोन के लिए जिन डाक्टरों के नंबर जारी किए गए, उन्होंने उनमें से तीन डाक्टरों से फोन पर संपर्क किया। तीनों ने ही फार्म में हस्ताक्षर करने से यह कहकर असमर्थता जता दी कि वे अस्थिरोग, शिशुरोग और रेडियोलॉजिस्ट हैं, इसलिए काेरोना का इलाज नहीं कर सकते। जब कोरोना के बारे में जानकारी ही नहीं है, तो हस्ताक्षर कैसे कर सकते हैं। यह व्यक्ति फार्म लेकर दो दिन से चक्कर लगा रहे हैं। जब तक फार्म जमा नहीं होगा, होम आइसोलेशन की सुविधा नहीं मिलेगी। उनके बेटे की दवाई भी शुरू नहीं हो सकी है। ऐसा ही वाकया टिकरापारा के एक व्यक्ति के साथ हुआ है। उन्होंने बताया कि अंतत: उन्हें अपने बेटे को एक निजी अस्पताल के कोरोना केयर सेंटर में एडमिट करवाना पड़ा।
होम आइसोलेशन में इलाज हो जाएगा, 15 हजार की किट देंगे
दहशत की वजह से कोरोना के इलाज को लेकर मरीजों के मोबाइल पर आने वाले काॅल्स की शिकायतें होने लगी हैं, खासकर ऐसे काॅल जिनमें कहा जा रहा है कि वे होम आइसोलेशन की पूरी व्यवस्था कर देंगे, लेकिन दी जाने वाली दवाइयां और उपकरणों के लिए 15 हजार रुपए देने होंगे, जिसमें मरीज को एक किट दी जाएगी। व्यक्ति ने बताया कि ऐसे ही एक काॅल में उनसे ऑक्सीमीटर से लेकर थर्मल स्कैनर और दवाइयां देने की बात कही गई, जिसका खर्च 15 हजार रुपए बताया गया। हालांकि अधिकृत रूप से ऐसी शिकायतों की पुष्टि करने के लिए कोई तैयार नहीं है। सरकारी एजेंसियों और अफसरों के पास भी अब तक ऐसी कोई शिकायत नहीं पहुंची है।
गंंभीर लक्षण और दूसरी बीमारियां न हों तो ऐसे मिलेगी आइसोलेशन की अनुमति
राजधानी में एक सितंबर तक कुल 12 हजार मरीज पॉजिटिव आ चुके हैं, इनमें से 6500 से ज्यादा एक्टिव हैं। पिछले 5 दिन में इनमें से करीब 400 मरीज होम आइसोलेशन की अनुमति लेकर घर पर ही इलाज करवा रहे हैं। प्रदेश में होम आइसोलेशन में रायपुर के ही मरीज सबसे ज्यादा हैं। राहत की बात ये है कि यहां घर में इलाज करते हुए अब तक किसी मरीज की हालत गंभीर नहीं हुई। इसलिए हेल्थ विभाग ने होम आइसोलेशन की प्रक्रिया भी सरल कर दी है। सीएमएचओ डॉ मीरा बघेल ने बताया कि कोई भी कोरोना मरीज अपनी इच्छा से चुन सकता है कि उसे अस्पताल व कोविड सेंटर जाना है कि घर पर ही रहकर ठीक होना है। शर्त यही है कि उस मरीज को कोरोना के अलावा कोई अन्य गंभीर बीमारी न हो और संक्रमण के दूसरे गंभीर लक्षण न रहें। राजधानी में होम आइसोलेशन अनुमति के लिए बनाए गए कंट्रोल सेंटर के डॉ अबरार आलम ने बताया कि यहाँ 4 डॉक्टर्स की ड्यूटी लगी है। रोजाना पिछले 4-5 दिन से 80 से 100 लोगों को होम आइसोलेशन की अनुमति दे रहे हैं। उनके पास दिनभर में करीब 250 कॉल आ रहे हैं। उन्हें पूरे नियम और निर्देश बताए जा रहे हैं। होम आइसोलेशन लेने वाले मरीज से अंडर टेकिंग फॉर्म भरवाया जाता है। इसमें मरीज को जानकारी के साथ शपथ पत्र देना होता है कि वह अपनी इच्छा व रहने की अलग से सुविधा होने के कारण घर पर हैं। बुखार और पल्स व ऑक्सीजन लेवल की निगरानी रख सकते हैं। सेहत की निगरानी के लिए संबंधित डॉक्टर व जानकारी भी दी जानी है, जो फोन से मरीज का हेल्थ अपडेट लेंगे। इसके अलावा परिवार का कोई सदस्य बाहर नहीं जाएगा।
इस दौरान घरेलू नौकर नहीं आएंगे और किसी भी तरह के लक्षण पर तत्काल हेल्थ अमले को सूचित किया जाएगा। अनुमति देने के लिए यह जरूरी है कि मरीज के लिए उस घर में अलग से कमरा हो, टॉयलेट होना चाहिए।
कंट्रोल रूम सुबह 8 से रात 8 तक
राजधानी में जिला पंचायत के दूसरे फ्लोर पर होम आइसोलेशन की अनुमति देने के लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है, यहाँ 4 डॉक्टर्स की टीम है। सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक डॉ अबरार आलम (मोबाइल 7999473250) और डॉ पंकज तिवारी ( मोबाइल 9826384065) और दोपहर 2 से रात 8 बजे तक डॉ रीता ध्रुव (मोबाइल 7898099475) और डॉ दिनेश जायसवाल (मोबाइल 7489044716) पर सम्पर्क किया जा सकता है।