उत्तर प्रदेश के देवरिया में गुरुवार को अपने साथी की पिटाई को लेकर वकीलों का गुस्सा भड़क गया। इस मामले को लेकर वकील कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन कर रहे थे कि उसी समय वो कोतवाली पुलिस दिख गई जिस पर उनके साथी ने पिटाई का आरोप लगाया था। बताया जा रहा है कि इसके बाद वकीलों का गुस्सा ऐसा भड़का कि उन्होंने पुलिसकर्मियों को दौड़ा लिया।
वकीलों ने कोतवाल और एसडीएम के खिलाफ तत्काल एक्शन लेने की मांग करते हुए जमकर नारेबाजी की। मौके पर पहुंचे सीओ सदर श्रीयश त्रिपाठी और एएसपी राजेश कुमार सोनकर ने वकीलों को समझाने की कोशिश की जिला अस्पताल में साथी का मेडिकल होने में देरी को लेकर एक बार फिर वे भड़क गए और धरने पर बैठ गए। मामला, देवरिया शहर के उमा नगर मोहल्ले के रहने वाले अधिवक्ता विष्णु कुमार बरनवाल और एक व्यापारी के बीच विवाद से शुरू हुआ। बताया जा रहा है कि विष्णु कुमार की एक दुकान सुभाष चौक के पास लक्ष्मी नारायण मंदिर परिसर में थी। इसे लेकर शहर के एक व्यापारी से उनका विवाद चल रहा था। दुकान खाली कराने का मामला दीवानी न्यायालय में विचाराधीन है। आरोप है कि एसडीएम सदर सौरभ कुमार सिंह बुधवार को भारी पुलिस फोर्स के साथ राम जानकी मंदिर स्थित दुकान का खाली कराने पहुंचे तो अधिवक्ता ने कड़ा विरोध किया। इस पर कोतवाल, अधिवक्ता को अपनी गाड़ी में बैठा कर कोतवाली ले गए।
आरोप है कि कोतवाली में अधिवक्ता के साथ बदसलूकी हुई। पुलिसकर्मियों ने उनके साथ मारपीट भी की। बुरी तरह पिटाई करने के साथ ही रात भर उन्हें कोतवाली में रोके रखा गया। गुरुवार की सुबह पुलिस ने उन्हें छोड़ा। उनके साथ हुई इस घटना की जानकारी कचहरी पहुंचे अन्य अधिवक्ताओं को हुई तो वे भड़क गए। उन्होंने दीवानी और कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन शुरू कर दिया। अधिवक्ता कोतवाल और एसडीएम के खिलाफ एक्शन लिए जाने की मांग पर अड़ गए।
उनके गुस्से को देखते हुए सीओ सदर श्रीयश त्रिपाठी और एएसपी राजेश कुमार सोनकर मौके पर पहुंचे। उन्होंने अधिवक्ताओं को समझाने का प्रयास किया लेकिन अधिवक्ता कार्यवाई की मांग पर अड़े रहे। आक्रोशित अधिवक्ताओं घटना में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की मांग कर रहे थे। इस बीच सीओ सदर ने पीड़ित अधिवक्ता से प्रार्थना पत्र लेकर जिला अस्पताल घायल को ले जाकर मेडिकल कराया। आरोप है कि वहां मेडिकल कराने में जानबूझकर देरी की गई। इससे अधिवक्ताओं का गुस्सा एक बार फिर भड़क गया। उन्होंने धरना शुरू कर दिया।