दिल्ली पुलिस के साइबर सेल की नवगठित इकाई की टीम ने नालंदा समेत सूबे के कई जिलों में छापेमारी कर नौ साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है। इकाई के अधिकारी बिहारशरीफ शहर के नई सराय मोहल्ला निवासी रामवृक्ष प्रसाद के पुत्र कमलकांत व गिरियक के रैतर गांव निवासी रामलखन प्रसाद के बेटे पवन उर्फ प्रवीण कुमार को गिरफ्तार कर अपने साथ दिल्ली ले गये। गिरफ्तार पवन पीएचडी तो कमलकांत एमसीए डिग्रीधारी है। पटना व दिल्ली पुलिस की आईएफएसओ यूनिट ने जिन नौ साइबर ठगों को दबोचा है, उनमें भागलपुर की सरिता व पिंकी, नवादा का नीतीश उर्फ सोनू, बेगूसराय का अमित, नालंदा का पीएचडी स्टूडेंट पवन और एमसीए स्टूडेंट कमलकांत और शेखपुरा का सचिन शामिल है।
नवगठित ‘खुफिया संलयन और रणनीतिक संचालन’ (आईएफएसओ, एन इंटेलीजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशन) इकाई के अधिकारी ने बताया कि कमलकांत कोरोना काल में ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और दवाइयां उपलब्ध कराने के नाम पर लाखों की ठगी विभिन्न शिकायतकर्ताओं से की। पूर्व में भी वह इस तरह की ठगी के मामले में जेल जा चुका है। कमलकांत अपने गिरोह का मास्टरमाइंड है, जो मनी मैनेजमेंट करता है। वह ठगी के पैसों को ठिकाने लगाता है। जबकि, पवन प्रवीण व गिरोह के अन्य सदस्य मोबाइल के जरिए लोगों को विभिन्न तरह के प्रलोभन देकर अपने झांसे में लेकर ठगी करता है। इसके गिरोह के अन्य सदस्यों में सभी उच्च डिग्रीधारी हैं। कोई पीएचडी तो कोई मैनेजमेंट तक की पढ़ाई कर ठगी के काम में लगा हुआ है। इनका नेटवर्क गिरियक, कतरीसराय, मानपुर, अस्थावां, बिहारशरीफ, शेखपुरा, बरबीघा के अलावा पटना, झारखंड, मुम्बई व दिल्ली में भी सक्रिय है।
बिहारशरीफ के नई सराय मोहल्ला में कमलकांत का आलीशान मकान है। जबकि, इसके पिता रामवृक्ष प्रसाद प्राइवेट कॉलेज में प्रोफेसर के पद पर तैनात हैं। इससे ही सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि कमलकांत की ठगी का नेटवर्क कितना जबरदस्त है कि वह शहर में आलीशान मकान बना रखा है।
बिहारशरीफ के सदर डीएसपी डॉ. शिब्ली नोमानी ने बताया कि यदि आप किसी प्रकार की ठगी का शिकार होते हैं तो तुरंत इसकी सूचना स्थानीय थाने को दें। इसके लिए साइबर सेफ पोर्टल है। इसपर शिकायत करने से तुरंत एक टिकट जेनरेट होता है, जो ठगी किए गए रुपए की निकासी के गेटवे को बंद कर देता है। इसके कारण ठग उस रुपए को नहीं निकाल पाता है।