राजगीर से फतुहा जाने वाली सवारी गाड़ी रविवार को डीरेल हो गयी। राजगीर स्टेशन से खुलते ही कुछ दूर जाकर पिछली बोगी के चार चक्के पटरी से उतर गये। इससे अफरातफरी मच गयी। यात्री इधर-उधर भागने लगे। हालांकि, किसी तरह के जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है। सभी यात्री सुरक्षित हैं।
घटना की जानकारी पाकर डीआरएम प्रभात कुमार राजगीर पहुंचे और घटनास्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि पहिये के नीचे से लकड़ी का गुटका नहीं हटाने के कारण हादसा हुआ। लापरवाही बरतने के आरोप में सवारी गाड़ी के गार्ड विनोद कुमार लाल को निलंबित कर दिया गया है। ट्रैक की मरम्मत भी कर दी गयी है।
गाड़ी पर सवार यात्रियों ने बताया कि ट्रेन रोज की तरह राजगीर स्टेशन से खुली थी। ट्रेन यात्रियों से खचाखच भरी थी। ट्रेन खुलने के बाद करीब 40 फीट तक बोगी घिसटती रही, उसके बाद पहिया पटरी से नीचे उतर गया। प्लेटफार्म पर भी भगदड़ मच गयी। जोर का झटका लगने के बाद ट्रेन रुक गयी। इसके बाद यात्रियों को श्रमजीवी एक्सप्रेस में बैठाया गया। बिहारशरीफ तक श्रमजीवी एकस्प्रेस ही पैसेंजर ट्रेन की तरह चली।
अधिकारियों ने बताया कि ट्रेन जब पटरी पर खड़ी होती है तो सुरक्षा के लिए आगे और पीछे लकड़ी का गुटका रखकर उसे लोहे की जंजीर से बांध दिया जाता है। ट्रेन चलने के पहले गार्ड इन सारे सुरक्षा उपायों को हटाता है उसके बाद ट्रेन खुलने का संकेत देता है। गुटका नहीं हटाने के कारण यह हादसा हुआ। पटरी के बाद लकड़ी के टुकड़े भी बिखरे पड़े थे। बाद में एआरटी ट्रेन मंगाकर बोगी को पटरी पर चढ़ाया गया। निरीक्षण करने वालों में सीनियर डीएसओ एके आर्या, सीनियर डीएमई मुकेश कुमार, सीनियर डी ऑपरेशन संजीव कुमार, आरपीएफ प्रभारी निरीक्षण, बख्तियारपुर ज्योत्स्ना कुमारी, उदय कुमार सिंह, स्टेशन प्रबंधक चन्द्रभूषण सिन्हा सहित अन्य मौजूद थे। इससे पहले भी राजगीर में इस तरह की घटना हो चुकी है।