राजधानी दिल्ली स्थित सफदरजंग अस्पताल, राम मनोहर लोहिया अस्पताल और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टरों ने नीट-पीजी काउंसलिंग 2021 में लगातार हो रही देरी को लेकर हड़ताल करते हुए विरोध-प्रदर्शन किया। डॉक्टरों की इस हड़ताल के चलते अस्पताल की ओपीडी में सेवाएं प्रभावित रहीं। डॉक्टरों के ओपीडी का काम बंद करने से मरीजों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस देशव्यापी हड़ताल का आह्वान फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) द्वारा किया गया है।
हड़ताल में शामिल हुए सफदरजंग अस्पताल एक रेजिडेंट डॉक्टर ने बताया कि NEET-PG काउसलिंग में बिना कारण लगातार देरी हो रही है। पहले पीजी का पहला बैच मई-जून तक आ जाता था। आज हमने OPD सेवाओं को रोका है। मांग पूरी नहीं हुई तो हम इस प्रदर्शन को और आगे लेकर जाएंगे। वहीं, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टरों ने इस हड़ताल और विरोध-प्रदर्शन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। डॉक्टरों ने हाथों में पोस्टर और पैम्पेल लेकर जमकर नारेबाजी की।
आज से देशभर में ओपीडी सेवाएं निलंबित करने का आह्वान
बता दें कि ‘फेडरेशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन’ (फोरडा) ने नीट-पीजी 2021 काउंसिलिंग कराने में कथित देरी के विरोध में शनिवार से अस्पतालों में बाहरी मरीज विभाग (ओपीडी) की सेवाएं निलंबित करने का देशव्यापी आह्वान किया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया को लिखे पत्र में फोरडा ने कहा कि पहले से काम का अत्यधिक बोझ झेल रहे देश के रेजीडेंट डॉक्टर्स कोविड-19 महामारी फैलने के बाद से अग्रिम मोर्चे पर लड़ रहे हैं और उन्होंने नीट-पीजी काउंसिलिंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई का कुछ सकारात्मक नतीजा आने की उम्मीद में 25 नवंबर तक धैर्यपूर्वक इंतजार किया।
उसने कहा कि बहरहाल, उनको शारीरिक और मानसिक कष्टों से कोई राहत मिलती नहीं दिख रही है और अदालत की अगली सुनवाई छह जनवरी 2022 को होगी। देशभर के रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशंस (आरडीए) के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा के बाद काउंसिलिंग में बार-बार देरी और उसे स्थगित करने के विरोध में हमने शनिवार 27 नवंबर से बाहरी मरीज विभाग (ओपीडी) सेवाएं निलंबित करने का फैसला लिया है।