दिल्ली-एनसीआर की आबोहवा में आज भी कोई खास सुधार देखने को नहीं मिला। वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान प्रणाली (सफर) के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार सुबह समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 386 ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया। सुबह 7 बजकर 50 मिनट पर पीएम 10 ‘बेहद खराब’ श्रेणी में 360 और पीएम 2.5 ‘बेहद खराब’ श्रेणी में 386 दर्ज किया गया। वहीं, गुरुग्राम और नोएडा में भी हवा “बहुत खराब” रही और यहां AQI क्रमशः 355 और 391 दर्ज किया गया।
SAFAR का अनुमान है कि वायु प्रदूषण बढ़ने से लोगों में स्वास्थ्य और सांस संबंधी दिक्कतें बढ़ सकती हैं। सफर ने कहा कि दिल्ली के PM2.5 में पराली जलाने (गणना 274) से संबंधित प्रदूषकों की हिस्सेदारी 8 प्रतिशत है। 29 तारीख से एक्यूआई में महत्वपूर्ण सुधार उच्च हवा की गति के कारण होने की उम्मीद है।
दिल्ली की रहने वाली स्मिता ने कहा कि सुबह धुंध के कारण विजिबिलिटी बिल्कुल नहीं थी। हमें सांस लेने में भी परेशानी हो रही है। हर साल हम पड़ोसी राज्यों में पराली जलने की खबरें देखते हैं, अगर ऐसा है तो सरकार को इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
महसूस हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 को ‘संतोषजनक’, 101 और 200 को ‘मध्यम’, 201 और 300 को ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 और 500 को ‘गंभीर’ माना जाता है।
इस बीच, दिल्ली सरकार ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। हवा की गुणवत्ता में सुधार को देखते हुए, निर्माण और तोड़फोड़ की गतिविधियों पर प्रतिबंध 22 नवंबर को हटा लिया गया था। स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में कक्षाएं सोमवार से फिर से शुरू होने वाली हैं।