नोएडा एसटीएफ ने मंगलवार को सेक्टर-20 से डी कंपनी के 25 हजार रुपये के ईनामी बदमाश हारिश खान को गिरफ्तार किया है। वह मुंबई सीरियल ब्लास्ट के आरोपी अबू सलेम, जफर सुपारी और खान मुबारक का बेहद करीबी है। पुलिस ने उससे पिस्तौल और कारतूस बरामद किए हैं।
एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक राजकुमार मिश्रा ने बताया कि सूचना मिली थी कि सेक्टर-20 के पास डी कंपनी का कुख्यात बदमाश घूम रहा है। इसके बाद टीम को मौके पर भेजा गया। पुलिस ने आरोपी को मौके से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस पूछताछ में आरोपी की पहचान मुंबई के थाना पाईधुनी क्षेत्र के जंजीकर स्ट्रीट निवासी हारिश खान के रूप में हुई है। आरोपी मूलरूप से जौनपुर के गांव पाराकमाल का रहने वाला है। पुलिस ने उससे एक पिस्तौल और तीन कारतूस बरामद किए हैं। पूर्व में गिरफ्तार किए गए बदमाश गजेंद्र से पूछताछ के आधार पर आरोपी की गिरफ्तारी हुई है। पूछताछ में खुलासा हुआ है कि हारिश खान मुंबई सीरियल ब्लास्ट के आरोपी अबू सलेम और जफर सुपारी व खान मुबारक का बेहद करीबी है। वह इन तीनों के रुपये एनसीआर में प्रॉपर्टी में निवेश करता था।
आरोपी डी कंपनी के नाम से लोगों को डरा-धमकाकर लाखों रुपये की वसूली करता था। उसके खिलाफ सेक्टर-20 थाने में भी हत्या प्रयास का मामला दर्ज है।
हारिश खान ने मुंबई स्थित अंजुमन इस्लाम कॉलेज से 12वीं की पढ़ाई पूरी की है। उसका परिवार वर्ष 2004 में जौनपुर से मुंबई चला गया था। यहां पर उसके दादा की कपड़े की दुकान थी। वर्ष 2006 में अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन के करीबी अमजद खान और हिमांशु चौधरी की हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड को काला घोड़ा शूटआउट के नाम से जाना जाता है। इस दोहरे हत्याकांड में उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर निवासी जफर सुपारी और ओसामा को जेल भेजा गया था। ओसामा भी जौनपुर का रहने वाला है। इसके चलते हारिश से उसकी पुरानी दोस्ती थी। ओसामा की मुंबई की जेल में रहने के दौरान अबू सलेम से जान पहचान हुई थी। इसके बाद जफर और अबू सलेम के बीच दोस्ती हुई। यहां पर पेशी के दौरान ओसामा ने हारिश की जान पहचान जफर सुपारी और अबू सलेम से कराई थी। इस तरह हारिश कुछ ही दिनों में जफर सुपारी का करीबी हो गया और उसके अवैध धंधों को संभालने लगा।
मुंबई के फरीद तनाशा हत्याकांड का मुख्य आरोपी है जफर
वर्ष 2010 में जफर सुपारी ने अपने साथियों से मिलकर मुंबई के बहुचर्चित फरीद तनाशा हत्याकांड को अंजाम दिया था। इस मामले में जफर सुपारी को आजीवन कारावास की सजा हुई है। वह वर्तमान में नागपुर जेल में बंद है। वर्ष 2012 में जफर सुपारी का छोटे भाई खान मुबारक मुंबई से उत्तर प्रदेश पहुंचा। उसने यहां अंबेडकर नगर सहित आसपास के क्षेत्रों में विवादित जमीन में हस्तक्षेप करना शुरू कर दिया। इसी दौरान पूर्व में गिरफ्तार आरोपी गजेंद्र सिंह मुंबई में पेशी के दौरान अबू सलेम से मिलने गया। यहां पर अबू ने गजेंद्र की पहचान जफर सुपारी और हारिश से कराई। फिर गजेंद्र और हारिश नोएडा में भी जफर सुपारी का काम देखने लगे। हारिश और गजेंद्र ने नोएडा में प्रॉपर्टी के काम के बहाने फर्जी प्लॉट दिखाकर लोगों से लाखों रुपये हड़प लिए। जब पीड़ित उनसे पैसा वापस मांगते थे तो वह अबू सलेम और जफर सुपारी का नाम लेकर धमकी देते थे।
सुपारी लेकर दिल्ली के व्यापारी पर चलाई थी गोली
गजेंद्र ने दिल्ली के मुकेश भार्गव नाम के व्यापारी से प्रॉपर्टी बेचने के नाम पर 1.80 करोड़ रुपये ले लिए थे। जब व्यापारी ने अपना पैसा वापस मांगा तो हारिश खान ने सेक्टर-18 में उन पर गोली चला दी थी। इस संबंध में सेक्टर-20 थाने में केस दर्ज कर मामले की जांच एसटीएफ को ट्रांसफर की गई थी। पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ है कि मुकेश पर गोली चलवाने की एवज में आरोपी गजेंद्र ने खान मुबारक को 10 लाख रुपये दिये थे जबकि 8 लाख रुपये हारिश को दिए गए थे। यह पैसे अंबेडकर नगर निवासी ईंट भट्ठा व्यवसायी राम प्रकाश वर्मा के खाते में ट्रांसफर किए गए थे। पुलिस राम प्रकाश को जेल भेज चुकी है। इसी मामले में हारिश वांछित था। उस पर 25 हजार रुपये का ईनाम घोषित किया गया था। अब आरोपी से सेक्टर 20 थाना पुलिस पूछताछ कर रही है।