नोएडा के सेक्टर-93ए स्थित सुपरटेक एमरॉल्ड कोर्ट परियोजना में बने ट्विन टावर को गिराने में 10 दिन बचे हैं, लेकिन अभी तक सुपरटेक ने एक्शन प्लान नोएडा प्राधिकरण में जमा नहीं कराया है। इस मामले में सख्ती बरतते हुए नोएडा प्राधिकरण ने बिल्डर को नोटिस जारी करते हुए जल्द प्लान देने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त को फैसला सुनाते हुए कहा था कि 30 नवंबर तक अवैध रूप से बने ट्विन टावर को ध्वस्त किया जाए। इनको गिराने के लिए सुपरटेक बिल्डर कंपनी का चयन करेगा। विशेषज्ञ एजेंसी के रूप में रुड़की स्थित सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीटयूट (सीबीआरआई) काम करेगी। इस पूरी प्रक्रिया पर नजर रखने की जिम्मेदारी नोएडा प्राधिकरण की होगी।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तहत अब टावर गिराए जाने में महज 10 दिन का समय बचा है, लेकिन अभी तक इसका एक्शन प्लान तैयार नहीं हो सकी है। सुपरटेक बिल्डर सिर्फ कंपनियों से बातचीत की औपचारिकता निभा रहा है। एक भी कंपनी ने पूरा प्लान तैयार कर नोएडा प्राधिकरण या सीबीआरआई के समक्ष प्रेजेंटेशन नहीं दिया है। ऐसे में अब 30 नवंबर तक टावर गिराए जाने संभव नहीं हैं। एक महीने में चार से पांच बार प्राधिकरण की ओर से सुपरटेक बिल्डर व कंपनियों के साथ बैठक तय की गई, लेकिन एक भी बैठक में एक्शन प्लान बिल्डर ने प्रस्तुत नहीं किया।
बीते गुरुवार को भी प्लान देना था, लेकिन बिल्डर ने तैयार नहीं होने का हवाला देकर एक सप्ताह का समय मांग लिया। इस पर सख्ती बरतते हुए नोएडा प्राधिकरण ने बिल्डर को नोटिस जारी कर चेतावनी दी है कि जल्द प्लान प्रस्तुत किया जाए।
सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट देगा प्राधिकरण
30 नवंबर के बाद इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। इसमें नोएडा प्राधिकरण बिल्डर के खिलाफ रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। एसीईओ नेहा शर्मा का कहना है कि रिपोर्ट में साफ तौर पर बताया जाएगा कि टावर गिराने के नाम पर बिल्डर ने किस-किस स्तर पर लापरवाही बरती। बिल्डर ने कोर्ट के आदेश को भी गंभीरता से नहीं लिया।