बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष एवं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन कृषि कानून के वापस लिए जाने की घोषणा पर आज कहा कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब विधानसभा चुनाव में हार के डर से ये काले कानून रद्द किए गए हैं। उन्होंने शुक्रवार को ट्वीट किया कि एकता में शक्ति है। यह सबों की सामूहिक जीत है। बेरोजगारी, महंगाई, निजीकरण के खिलाफ हमारी जंग जारी रहेगी। उपचुनाव हारे तो उन्होंने पेट्रोल-डीजल पर दिखावटी ही सही लेकिन थोड़ा सा टैक्स कम किया। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब विधानसभा चुनाव में हार के डर से तीनों काले कृषि क़ानून वापस लेने पड़ रहे है।
राजद नेता ने तीनों कृषि कानून वापस लिए जाने को किसान एवं देश की जीत जबकि पूंजीपतियों, उनके रखवालों और सरकार की हार बताया और कहा कि पिछले वर्ष 26 नवंबर से किसान आंदोलनरत थे। बिहार चुनाव नतीजों के तुरंत बाद वह किसानों के समर्थन में सड़कों पर थे। इसी दिन किसान विरोधी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इन कृषि कानूनों का विरोध एवं किसानों का समर्थन करने पर मुझ सहित हमारे अनेक नेताओं और कार्यकर्ताओं पर मामला दर्ज किया।
आपको बता दें कि शुक्रवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान कर दिया। पीएम नरेंद्र मोदी ने उन तीन कृषि कानूनों पर माफी मांगी है, जिन पर सरकार एक साल से अधिक समय तक किसानों को उन्हें स्वीकार करने के लिए “समझाने में विफल” रही। विपक्ष लगातार इस बात का आरोप लगाता रहा है कि पीएम मोदी एक अहंकारी नेता हैं। हालांकि, पीएम की यह घोषणा आलोचकों को एक जवाब है। प्रयास के रूप में आता है, जैसा कि विपक्ष और उनके आलोचकों द्वारा आरोप लगाया गया है कि पीएम मोदी एक अहंकारी नेता हैं।