केंद्र के तीन नए विवादित कृषि कानूनों को वापस किए जाने की घोषणा के बाद अब किसानों के खिलाफ दर्ज मुकदमे भी वापस लिए जा सकते हैं। हरियाणा सरकार ने सबसे पहले ऐसा करने के संकेत दिए हैं।
हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला शुक्रवार को कहा कि कृषि कानूनों रद्द किए जाने को प्रदर्शनकारी किसानों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से गुरुपर्व पर दिए गए तोहफे के तौर पर देखा जाना चाहिए। चौटाला ने प्रदर्शनकारी किसानों से अपने घरों को लौटने की भी अपील की है।
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि 350 दिनों से भी अधिक समय से किसान आंदोलन कर रहे हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने आज यह फैसला लिया है। हम इसका स्वागत करते हैं। मैं चाहता हूं कि भविष्य की योजनाओं में भी किसानों के साथ अधिक परामर्श किया जाए और यह देखा जाए कि किसानों को बेहतर लाभ कैसे दिया जा सकता है।
पत्रकारों द्वारा किसानों के संबंध में दर्ज मामलों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यदि ट्रैफिक जाम करने जैसी कोई गैर-घातक गतिविधि है तो ऐसे मुद्दों पर मैं केंद्र के साथ भी चर्चा करूंगा और राज्य के भीतर भी ऐसे मामलों को वापस ले लिया जाएगा।
पीएम ने खुद कहा है कि वह किसानों को कृषि कानूनो का फायदा नहीं समझा सके हैं। मुझे लगता है कि अब समय आ गया है कि हम किसानों को लाभ समझाएं और बेहतर तरीके से इन्हें फिर से पेश करें।
चौटाला ने अपने ट्वीट कर कहा, ”गुरु पर्व के पवित्र अवसर पर कृषि कानूनों को वापस लेने के केंद्र सरकार के फैसले का हम स्वागत करते हैं। सामाजिक शांति और भाईचारे की बहाली के लिए यह कदम सराहनीय है। मैं सभी किसान जत्थेबंदियों से धरना समाप्त करने का आग्रह करता हूं। हम किसान हित के लिए हमेशा प्रयास करते रहेंगे।”