गोरखपुर के गुलरिहा थाने पर बिना लिखापढ़ी के एक व्यक्ति को अवैध हिरासत में रखने में मामले में एसएसपी डा. विपिन ताडा ने दो दरोगा और एक हेड कांस्टेबल को निलम्बित कर दिया। वहीं तत्कालीन इंस्पेक्टर के खिलाफ भी विभागीय जांच के आदेश दिए हैं। डीआईजी के आदेश पर हुई आईपीएस/सीओ बांसगांव राहुल भाटी की जांच में यह दोषी पाए गए हैं।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी के अपहरण के मामले में उसके प्रेमी और एक डॉक्टर के खिलाफ शिकायत की थी। केस दर्ज कर गुलरिहा पुलिस जांच कर रही थी। इसी क्रम में गुलरिहा पुलिस ने डॉक्टर को पूछताछ के लिए थाने पर बैठाया था। उसे बिना लिखापढ़ी के अवैध हिरासत में रखने के बाद पुलिस ने छोड़ दिया। उधर, थाने से छूटने के बाद डॉक्टर ने इस मामले की शिकायत डीआईजी जे रविन्द्र गौड़ से की थी। आरोप था कि पुलिस ने न सिर्फ उसे अवैध हिरासत में रखा बल्कि पिटाई की और गाड़ी भी सीज कर दिया था। डीआईजी ने मामले की जांच आईपीएस/सीओ बांसगांव राहुल भाटी को सौंपी। जांच रिपोर्ट में राहुल भाटी को अवैध हिरासत की बात सही मिली।
पता चला कि पुलिस ने कहीं भी लिखपाढ़ी नहीं की थी। सीओ की रिपोर्ट के आधार पर एसएसपी ने वरिष्ठ उप निरीक्षक राम प्रवेश सिंह, उ0नि0 राकेश कुमार सिंह और एवं हे0का0 राजकुमार मिश्रा को निलम्बित करने के साथ विभागीय जांच का आदेश दिया। वहीं तत्कालीन एसएचओ गुलरिहा और वर्तमान में चिलुआताल एसएचओ के विरुद्ध भी विभागीय कार्यवाही के भी आदेश दिए हैं।