भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ऑस्ट्रेलियाई कोच ट्राय कूले को नेशनल क्रिकेट अकादमी (एनसीए) का तेज गेंदबाजी कोच नियुक्त करने को तैयार है। वर्ल्ड क्रिकेट में कूले को सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाजी कोचों में शुमार किया जाता है। इंग्लैंड के गेंदबाजी कोच के तौर पर उनके करियर का सबसे शानदार पल ऐतिहासिक 2005 एशेज सीरीज के दौरान आया था, जब घरेलू टीम के तेज गेंदबाज ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों के लिए बुरा सपना बन गए थे। एंड्रयू फ्लिंटॉफ, मैथ्यू होगार्ड, साइमन जोन्स और स्टीव हार्मिसन की सफलता और ऑस्ट्रेलियाई टीम के खराब प्रदर्शन के लिए योजना बनाने का क्रेडिट इंग्लैंड टीम के ड्रेसिंग रूम में कूले को दिया गया था।
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर पीटीआई से कहा, ”मैं कहूंगा कि सौरव (गांगुली) और जय (शाह) के लिए सबसे बड़ी सफलता में से एक ट्राय कूले को एनसीए में भारत के तेज गेंदबाजों की अगली पीढ़ी के साथ काम करने के लिए राजी करना है।” उन्होंने कहा, ”हमें सुनने को मिल रहा है कि बीसीसीआई कूले को तीन साल का कॉन्ट्रैक्ट देगा और वे एनसीए क्रिकेट प्रमुख वीवीएस लक्ष्मण के साथ काम करेंगे।” इंग्लैंड के साथ 2005 में बड़ी सफलता के बाद अगले साल ऑस्ट्रेलिया ने कूले को नियुक्त किया था और वह 2010-11 सीजन तक टीम से जुड़े रहे, जिसके बाद वे ब्रिसबेन में क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ से जुड़ गए।
बीसीसीआई साथ ही तेज गेंदबाजों के लिए ‘एक्सक्लूसिव’ करार शुरू करने को तैयार है। ईशांत शर्मा, मोहम्मद शमी और उमेश यादव सभी 30 साल की उम्र पार कर चुके हैं और इनके संभवत: अगले दो सालों तक ही खेलने की उम्मीद है। ऐसे में बीसीसीआई पहले ही योजना बना रहा है कि तेज गेंदबाजों की अगली खेप कैसे तैयार की जाए और उसके अंतर्गत ही वह युवा तेज गेंदबाजों के लिए ‘एक्सक्लूसिव’ कॉन्ट्रैक्ट लाने को तैयार है। समझा जाता है कि गांगुली, शाह हेड कोच द्रविड़ और एनसीए प्रमुख लक्ष्मण के साथ मिलकर ऐसा कॉन्ट्रैक्ट बनाने की कोशिश कर रहे हैं जो ‘एक्सक्लूसिव’ हो और सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से अलग हो।