तालिबान ने अमेरिका से अफगान संपत्ति को छोड़ने की अपील की है। तालिबान ने कहा है कि अफगानिस्तान में आर्थिक उथल-पुथल से विदेश में परेशानी का कारण बन सकती है। एक ओपन लेटर में तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ने कहा है कि अफगानिस्तान के सामने सबसे बड़ी चुनौती वित्तीय असुरक्षा की थी। और इस चिंता के पीछे की जड़ें अमेरिकी सरकार द्वारा हमारे लोगों की संपत्ति को फ्रीज करना है।
न्यूज एजेंसी एएफपी की एक रिपोर्ट बताती है कि अमेरिका ने अफगान केंद्रीय बैंक से संबंधित करीब 9.5 बिलियन डॉलर की संपत्ति जब्त कर ली है। सहायता पर निर्भर अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था ध्वस्त होने को है। तालिबान सरकारी कर्मचारियों को महीनों से पैसे देने में नाकाम रहा है।
कुछ देशों ने सहायता के लिए करोड़ों डॉलर देने का वादा किया है लेकिन जब तक तालिबान एक समावेशी सरकार नहीं बनाता और महिलाओं और अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों की गारंटी को तैयार नहीं होता तब तक ये देश पैसे देने को तैयार नहीं हैं।
मुत्ताकी ने कहा है कि अफगानिस्तान 40 सालों में पहली बार स्थिर सरकार को देख रहा है। हमने सुशासन, सुरक्षा और पारदर्शिता की दिशा में व्यावहारिक कदम उठाए हैं। अफगानिस्तान से दुनिया को कोई खतरा नहीं है। हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंताओं को समझते हैं लेकिन विश्वास बनाने के लिए सभी पक्षों के लिए सकारात्मक कदम उठाना होगा।
मुत्ताकी ने चेतावनी देते हुए कहा है कि खराब आर्थिक स्थिति बड़े पैमाने पर पलायन को जन्म दे सकती है। अगर मौजूदा स्थिति बनी रहती है, तो अफगान सरकार और लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ेगा और क्षेत्र और दुनिया में बड़े पैमाने पर पलायन संभव है। इसके कारण कई मानवीय और आर्थिक मुद्दे पैदा होंगे।