चिकित्सा विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यदि सही समय पर सेहत पर ध्यान नहीं दिया गया, तो भारत दुनियाभर में मधुमेह की राजधानी बन सकता है क्योंकि हालिया अनुसंधानों में इस बात के संकेत मिले हैं कि कोरोना वायरस के कारण मधुमेह के मामलों में वृद्धि हुई है।
डॉक्टरों का कहना है कि कोविड-19 से ग्रसित बहुत सारे मरीज जो उपचार कराने के लिए अस्पताल आए हैं, उन्हें मधुमेह से भी गंभीर रूप से पीड़ित पाया गया है क्योंकि यह महामारी तनाव से उत्पन्न हो जाती है।
अध्ययन में कहा गया कि कोरोना के उपचार में ‘स्टेरॉयड्स’ के इस्तेमाल के कारण मधुमेह रोगियों की संख्या में निश्चित रूप से वृद्धि हुई है। इसके साथ ही अनियमित लाइफस्टाइल ने भी मधुमेह के मामलों में बढ़ोतरी करने में अहम भूमिका निभाई है। कोरोना विषाणु अगनाश्य में मौजूद बीटा कोशिकाओं के एसीई 2 रिसेप्टर्स का इस्तेमाल कर उन्हें अपने नियंत्रण में ले लेता है जिसकी वजह से पूर्ण रूप से मधुमेह को नियंत्रित करने वाले हार्मोन का निर्माण नहीं होने से शरीर में शर्करा की मात्रा में इजाफा होता है।
मौजूदा समय में दुनियाभर में 42.2 करोड़ लोग मधुमेह से ग्रसित है, जिनमें से 7.7 करोड़ मधुमेह से प्रभावित लोग सिर्फ भारत में ही हैं। मधुमेह गैर संचारी बीमारी है, जो काफी लंबे समय से चली आ रही है। एक अनुमान के मुताबिक 2045 तक भारतीय 76 प्रतिशत आबादी इसकी चपेट में आ सकती है और यदि ऐसा होता है, तो भारत दुनियाभर में मधुमेह की राजधानी बन जाएगा।
इस साल विश्व मधुमेह माह 2021 की थीम मधुमेह के उपचार तक लोगों की पहुंच बनाना है और उम्मीद है कि भारत मधुमेह देखभाल सुविधाओं को आम लोगों तक पहुंचाने में भी विश्व की राजधानी बनेगा। मधुमेह को लेकर वर्ष 2021 इसलिए भी खास है क्योंकि इस बीमारी का पता अबसे ठीक सौ वर्ष पहले लगाया गया था।
नारायण मेमोरियल अस्पताल की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सुपर्णा सेनगुप्ता ने कहा, ‘हमने प्रारम्भिक तौर पर बी.एस.ए1 सी तथा इससे संबंधित दूसरी श्रेणी की बीमारियों पर लॉकडाउन के प्रभाव के बारे में बताया है। असक्रिय जीवन शैली, व्यायाम कम करने, अनुचित भोजन तथा मानसिक तनाव के कारण इसमें वृद्धि हो सकती है।
एमआरसीपी के एमडी, डीएनबी, एमएमएएमएस, डीएम डॉ. सुजीत भट्टाचार्य ने कहा, ‘मधुमेह के इलाज के लिए इंसुलिन उपलब्ध हो गया है। यह मधुमेह से पीड़ित लोगों के जीवन को बदल रहा है। लंबे समय तक उपचार करके लोगों को बचाया जा रहा है’।