उत्तराखंड के विकास में व्यापारियों के सहयोग के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी की ओर से आयोजित ‘देवभूमि बिजनेस डायलॉग’ को संबोधित करते हुए दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि उत्तराखंड की तरक्की का रास्ता कैसे खुल सकता है उस पर संवाद जरूरी है। इसमें दिल्ली सरकार के अनुभव कारगर साबित हो सकते हैं।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि व्यापारी सिर्फ व्यापार ही नहीं करता बल्कि पूरे देश की तरक्की में योगदान करता है। व्यापारियों को रिश्वतखोरी से बचाने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रेडराज और इंसपेक्टर राज पर रोक लगाई और रिश्वतखोर अधिकारियों की धरपकड़ की। इससे न सिर्फ व्यापारियों का उत्पीड़न रुका बल्कि रिकार्ड टैक्स कलेक्शन हुआ।
सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली के वित्त मंत्री के तौर पर उन्होंने 42 उत्पादों पर वैट 12.5 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी किया। इसके बावजूद दिल्ली सरकार का टैक्स कलेक्शन बढ़कर दोगुना हो गया। दिल्ली के व्यापारी को आज किसी लाइसेंस लेने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है। कुछ दिनों पहले अरविंद केजरीवाल ने ट्रांसपोर्ट दफ्तर को ताला लगा दिया।
करीब सवा सौ काम ऐसे हैं जिनके लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने की जरूरत नहीं है। 400 तरह के एफिडेविट खत्म कर दिए। इस सब का नतीजा यह हुआ कि दिल्ली में व्यापार करना आसान हुआ है। दिल्ली में प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से तीन गुना ज्यादा है। क्योंकि व्यापारी का सम्मान बढ़ा है। इसके लिए स्कूलों में भी एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट डेवलप करने का प्रोग्राम शुरू किया है।
दिल्ली के 3 लाख बच्चों को बिजनेस आइडिया पर काम करने के लिए 100 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। ताकि हमारे नौजवान नौकरी देने वाले बने।सिसोदिया ने कहा है जब हम दिल्ली जैसे छोटे और कम अधिकार वाले राज्य में इतना कुछ कर सकें हैं तो उत्तराखंड में व्यापार और विकास की असीम संभावनाएं हैं।
उत्तराखंड में हम व्यापारियों को सबसे सस्ती बिजली देंगे। कारोबार की सहूलियत को बढ़ाएंगे। सबसे जरूरी बात यह है कि उत्तराखंड के सपने में व्यापारियों को शामिल करने की जरूरत है। कारोबार के लिए जो भी योजनाएं बनायी जाएंगी, वो व्यापारियों से पूछकर बनायी जाएंगी। उत्तराखंड के होटल और टूरिज्म उद्योग से जुड़े लोगों को उत्तराखंड में ऐसी सरकार चुनने की जरूरत है जो यहां के लोगों की आमदनी और जीवन स्तर को सुधार सके।