बिहार में नाबालिग लड़कियों को यौन शोषण से बचाने के लिए राज्य भर में पुलिस विशेष तैयारी कर रही है। पश्चिम बंगाल की तर्ज पर बिहार के जिलों में भी बोर्ड का गठन किया जायेगा। सीआईडी के तहत कमजोर वर्ग की एसपी वीणा कुमारी ने भागलपुर सहित सभी जिलों को पत्र लिखा है।
उन्होंने पत्र में लिखा है कि नाबालिग लड़कियों को यौन शोषण और इस धंधे से बचाने के लिए पश्चिम बंगाल के कोलकाता और वहां के अन्य जिलों में संचालित सेल्फ रेगुलेटरी बोर्ड के तर्ज पर यहां भी आठ सदस्यीय मल्टी स्टेकहोल्डर बोर्ड (एमएसबी) का गठन किया जाना है। इसको लेकर सभी जिलों से रेड लाइट एरिया के साथ ही इस तरह के धंधे से जुड़ी लड़कियों से संबंधित जानकारी मांगी गयी है।
एएचटीयू के साथ मिलकर काम करेगा बोर्ड
नाबालिग लड़कियों को यौन शोषण और इस व्यवसाय से बचाने के लिए प्रस्तावित एमएसबी जिलों में कार्यरत एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयू) के साथ मिलकर काम करेगा। कमजोर वर्ग की एसपी ने पत्र में इस बात का भी जिक्र किया है कि इस बोर्ड का गठन उन जिलों में किया जाना है जहां यौनकर्मियों की संख्या पर्याप्त है। उन्होंने लिखा है कि बोर्ड गठित करने से पहले यह जरूरी है कि रेड लाइट एरिया के संचालन से संबंधित पूरी जानकारी उपलब्ध करायी जाये।
जिन इलाकों में यौन कर्मियों की संख्या ज्यादा होगी वहां बोर्ड के सदस्य एएचटीयू के साथ मिलकर जायेंगे और नाबालिग लड़कियों को उस दलदल से निकालने का काम करेंगे।
“नाबालिग लड़कियों को यौन शोषण से बचाने के लिए यह पहल की जा रही है। इसको लेकर बोर्ड का गठन किया जाना है। सभी जिलों से रिपोर्ट की मांग की गयी है। रिपोर्ट मिलने पर समाज कल्याण विभाग को सौंपी जायेगी।” – वीणा कुमारी,एसपी, कमजोर वर्ग, सीआईडी
● सीआईडी ने सभी जिलों को पत्र लिख संबंधित जानकारी मांगी
● रेड लाइट एरिया के संचालन से संबंधित जानकारी उपलब्ध करायें
गृह मंत्रालय ने की है पहल, मांगी है रिपोर्ट
पुलिस मुख्यालय ने पत्र में बताया है कि एक मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित आदेश के आलोक में गठित समिति की रिपोर्ट वर्णित बिंदुओं के अनुपालन को लेकर मांगी गयी है। बताया गया है कि ए मैकेनिज्म फॉर द प्रिवेंशन ऑफ ट्रैफिकिंग इन इंडिया में वर्णित सुझावों पर भी समुचित कार्रवाई की जानी है। इसको लेकर भी केंद्रीय गृह मंत्रालय ने रिपोर्ट तलब की है। गृह मंत्रालय के पत्र में मुख्य तौर पर कोलकाता और पश्चिम बंगाल के अन्य जिलों में कार्यरत इस तरह के बोर्ड का जिक्र किया गया है। समाज कल्याण विभाग के निदेशक राजकुमार ने भी सभी जिलों के एसपी को रिपोर्ट तैयार कर भेजने को कहा था।