दिल्ली पुलिस ने 200 करोड़ रुपये के कथित धोखाधड़ी मामले में आरोपी शातिर ठग सुकेश चंद्रशेखर (Sukesh Chandrashekhar ), उसकी पत्नी लीना मारिया पॉल और अन्य सहित 14 आरोपियों के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट में अपनी चार्जशीट दायर कर दी है। इस चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने कहा है कि सुकेश चंद्रशेखर ने कबूल किया कि वह महंगी कारों, घड़ियों, नए-नए इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और सभी प्रकार के ऐशो आराम का शौकीन है और जीवन में यह सब हासिल करने के लिए उसने जल्दी पैसा कमाने का फैसला किया था।
पुलिस द्वारा दायर चार्जशीट के अनुसार, क्राइम ब्रांच द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के मामले में जब सुकेश चंद्रशेखर तिहाड़ जेल में था तो उसने जेल कर्मचारियों को मोटी रकम देकर नियंत्रित किया था।
जेल में कई हाई प्रोफाइल कैदियों से मिला
जेल में उसे चंद्रा बंधुओं, कार्तिक चिदंबरम, मोइन कुरैशी, रतुल पुरी और कई अन्य हाई प्रोफाइल कैदियों से मिलने का अवसर मिला। वह यूनिटेक के मालिक संजय चंद्रा, अजय चंद्रा के अलावा रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर शिवेंद्र सिंह से भी मिला, जो सभी न्यायिक हिरासत में थे। वह यूनिटेक के चंद्रा बंधुओं से नियमित रूप से मिलता था और चंद्रा बंधुओं के करीबी दीपक रमनानी के संपर्क में आया। दीपक रमनानी चंद्रा बंधुओं का पैसों का हिसाब संभाल रहे थे।
दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा दायर चार्जशीट में कहा गया है कि चंद्रा बंधुओं ने दीपक रमनानी से सुकेश का परिचय कराया और उसे बताया कि रमनानी एक ऐसे व्यक्ति हैं, जिन पर धन के प्रबंधन के लिए भरोसा किया जा सकता है।