कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने पुस्तक विमोचन के एक कार्यक्रम में कहा कि वीर सावरकर बीफ खाने को गलत नहीं मानते थे। उन्होंने कहा कि वीर सावरकर धार्मिक व्यक्ति नहीं थे और उनका कहना था कि आखिर गाय को माता मानने की क्या जरूरत है। यही नहीं उनका कहना था कि बीफ खाने में भी कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। दिग्विजय सिंह ने कहा कि उन्होंने हिंदुत्व शब्द इसलिए दिया था ताकि हिंदू पहचान गढ़ी जा सके और इसके चलते लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा हुई। उन्होंने कहा कि हिंदुत्व शब्द का सनातन हिंदू धर्म से कोई लेना-देना नहीं है।
कांग्रेस के ही दिग्गज नेता सलमान खुर्शीद की अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर लिखी गई एक किताब के विमोचन के मौके पर दिग्विजय सिंह ने यह बात कही। दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘मुझे इस बात दुख है कि मीडिया भी हिंदुत्व को हिंदू धर्म से जोड़ता है। जबकि हिंदुत्व का हिंदू धर्म और सनातनी परंपराओं से कोई लेना देना नहीं है। सावरकर जी कोई धार्मिक व्यक्ति नहीं थे। उन्होंने तो यहां तक कहा था कि गऊ को माता क्यों मानते हो और उन्हें गोमांस खाने को लेकर कोई ऐतराज नहीं था। सावरकर हिंदू पहचान को स्थापित करने के लिए हिंदुत्व शब्द लाए। उसके चलते लोगों में भ्रम फैल गया।’
ऐसा आरएसएस के प्रचार तंत्र के चलते हुआ है। उनसे पार पाना किसी के बस की बात नहीं है। अब तो उनके पास सोशल मीडिया जैसा हथियार सामने आ गया है, जो अकाट्य साबित होता जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर सलमान खुर्शीद की इस किताब में कहा गया है कि अयोध्या विवाद को लेकर समाज में बंटवारे की जो स्थिति थी, उसका रास्ता सुप्रीम कोर्ट ने निकाला है। अपनी किताब में सलमान खुर्शीद ने हिंदुत्व की तुलना आईएसआईएस और बोको हरम जैसे आतंकी संगठनों से की है। उन्होंने लिखा है कि हिंदुत्व साधूं-संतों के सनातन और प्राचीन हिंदू धर्म को किनारे लगा रहा है।