राजधानी दिल्ली में इस साल कोविड-19 संबंधी नियमों के उल्लंघन के लिए 19 अप्रैल से 8 नवंबर के बीच 3.15 लाख से अधिक लोगों पर जुर्माना लगाया गया है, जिनमें से सबसे अधिक मामले मास्क नहीं पहनने से संबंधित थे।
दिल्ली पुलिस द्वारा शेयर किए गए ताजा आंकड़ों के मुताबिक, इस दौरान इस तरह के उल्लंघन के लिए 3,15,772 चालान किए गए। आंकड़ों से पता चला है कि 2,79,198 लोगों पर मास्क नहीं पहनने पर जुर्माना लगाया गया, इसके बाद 30,379 लोगों पर सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन नहीं करने और 3,046 लोगों पर सार्वजनिक स्थानों पर शराब, पान और तंबाकू के सेवन के लिए जुर्माना लगाया गया।
आंकड़ों के अनुसार, सार्वजनिक स्थानों पर थूकने के लिए 1,685 और बड़ी सार्वजनिक सभाओं के आयोजन के लिए 1,464 चालान किए गए।
कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के मद्देनजर अप्रैल में दिल्ली में लॉकडाउन लगाया गया था। सरकार ने चरणबद्ध तरीके से ‘अनलॉक’ प्रक्रिया शुरू की थी और 31 मई से निर्माण और उत्पादन गतिविधियों की अनुमति दी गई थी। बाद के हफ्तों में, बाजारों, मॉल, मेट्रो ट्रेनों, रेस्तरां और बार और कई अन्य गतिविधियों की अनुमति दी गई।
दिल्ली में कोरोना के कुल मामले बढ़कर 14.40 के पार
राजधानी दिल्ली में सोमवार को एक दिन में कोविड-19 के 25 मामले दर्ज किए गए और किसी मरीज की मौत नहीं हुई। इस दौरान पॉजिटिविटी रेट 0.06 प्रतिशत था। स्वास्थ्य विभाग की ओर से सोमवार को जारी किए हेल्थ बुलेटिन के मुताबि, अक्टूबर में दिल्ली में संक्रमण के कारण केवल चार मौतें दर्ज की गईं, जबकि सितंबर में पांच लोगों ने वायरल बीमारी से दम तोड़ दिया था। नवंबर में शहर में अब तक किसी भी कोविड मौत की सूचना नहीं मिली है।
नए मामलों के साथ, शहर में कोरोना वायरस संक्रमण मामलों की संख्या बढ़कर 14,40,143 हो गई। इसमें से 14.14 लाख से अधिक मरीज बीमारी से उबर चुके हैं। मरने वालों की संख्या 25,091 है। बुलेटिन के अनुसार, अधिकारियों ने बीते दिन 37,306 आरटी-पीसीआर सहित 41,304 टेस्ट किए। दिल्ली में 342 सक्रिय कोविड मामले हैं, जिनमें से 165 होम आइसोलेशन में हैं। कंटेनमेंट जोन की संख्या 121 है।
अप्रैल और मई में, दिल्ली में महामारी की भयानक दूसरी लहर ने बड़ी संख्या में लोगों की जान ली थी और अस्पतालों में ऑक्सीजन एवं आवश्यक दवाओं की कमी हो गई थी। 20 अप्रैल को, दिल्ली में 28,395 मामले दर्ज किए थे, जो महामारी की शुरुआत के बाद से शहर में सबसे अधिक थे। 22 अप्रैल को केस पॉजिटिविटी रेट 36.2 फीसदी थी, जो अब तक की सबसे ज्यादा थी। 3 मई को सबसे ज्यादा 448 मौतें हुईं।
इस बीच, छठे सिरो सर्वे के अनुसार, राजधानी में दूसरी लहर के दौरान बड़ी संख्या में लोगों के वायरस के संपर्क में आने और मजबूत टीकाकरण के परिणामस्वरूप दिल्ली में 97 प्रतिशत आबादी ने कोरोना वायरस के प्रति एंटीबॉडी विकसित कर ली है। राजधानी के सभी जिलों में 93 फीसदी से अधिक सिरो पॉजिटिविटी की व्यापकता है। चार जिलों – दक्षिण, मध्य, पूर्वोत्तर और पूर्व में क्रमशः 99 प्रतिशत, 99.5 प्रतिशत, 99.7 प्रतिशत और 99.8 प्रतिशत की सिरो पॉजिटिविटी दर दर्ज की गई है।
महिलाओं (90.1 प्रतिशत) में पुरुषों (88.2 प्रतिशत) की तुलना में अधिक सीरो पॉजिटिविटी दर पाई गई है। 18 वर्ष से कम आयु के लोगों में सिरो पॉजिटिविटी दर 88 प्रतिशत है। जिन लोगों का कोविड-19 संक्रमण का इतिहास रहा है, उनमें से 95 प्रतिशत लोगों ने 82 प्रतिशत असंक्रमित लोगों की तुलना में एंटीबॉडी विकसित कर ली हैं।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में 16 जनवरी से टीकाकरण की कवायद शुरू होने के बाद से अब तक 2.08 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन खुराक दी जा चुकी हैं। 76 लाख से ज्यादा लोगों को दोनों खुराक मिल चुकी हैं।