वायु प्रदूषण की मार झेल रही दिल्ली में अब पानी भी दूषित होने लगा है। रविवार सुबह से ही कालिंदी कुंज के पास यमुना नदी की सतह पर जहरीले झाग तैरते दिख रहे हैं। छठ महापर्व से पहले यमुना में तैर रहे झागों ने श्रद्धालुओं के लिए भी परेशानी बढ़ा दी है। हवा-पानी के साथ दूषित होने से सरकार के साथ पर्यावरणविद् भी चिंतित हैं। दिल्ली सरकार वायु प्रदूषण और यमुना के पानी में प्रदूषक तत्वों की मात्रा बढ़ने को लेकर कई बार चिंता जता चुकी है, लेकिन अब तक इस समस्या पर काबू नहीं पाया जा सका है।
बता दें कि, कई बार यमुना दिल्ली में नदी की सतह पर तैरते जहरीले झाग के दृश्य भी सोशल मीडिया पर छाए रहते हैं। माना जाता है कि फैक्ट्रियों, रंगाई उद्योगों, धोबी घाटों और घरों में इस्तेमाल होने वाले डिटर्जेंट के कारण अपशिष्ट जल में फॉस्फेट की मात्रा अधिक हो जाती है, जो यमुना में जहरीले झाग के बनने का प्राथमिक कारण है।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’
इस बीच, दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न हिस्सों में सोमवार को भी वायु की गुणवत्ता ‘गंभीर श्रेणी’ में बनी हुई है। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) के विश्लेषण के अनुसार, राजधानी दिल्ली में आज सुबह समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 432 दर्ज किया गया, जो रविवार सुबह 436 (गंभीर श्रेणी) था। वहीं, नोएडा में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में है और वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 575 है।
हालात को देखते हुए सफर ने लोगों को सभी बाहरी शारीरिक गतिविधियों से बचने और घरों में रहने की सलाह दी है। इसके साथ ही अगर कोई अस्थमा से पीड़ित है तो उसे अपनी दवा साथ रखनी चाहिए।
सरकारी एजेंसियों के अनुसार, 0-50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’ माना जाता है, 51-100 को ‘संतोषजनक’, 101-200 को ‘मध्यम’, 201-300 को ‘खराब’, 301-400 को ‘बहुत खराब’ और 401-500 को गंभीर/खतरनाक माना जाता है।
SAFAR ने अपने दैनिक बुलेटिन में सूचित किया कि पराली से संबंधित प्रदूषकों की बड़ी आमद के कारण वर्तमान में, AQI अभी भी ‘गंभीर’ श्रेणी में है। एक्यूआई में सुधार होने का अनुमान है, लेकिन अगले दो दिनों में यह ‘बेहद खराब’ से ‘गंभीर’ श्रेणी के उच्च स्तर पर बना रहेगा। दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस में आज एक्यूआई 466, पूसा रोड पर 427, आईआईटी दिल्ली के पास 441 और लोधी रोड क्षेत्र में 432 दर्ज किया गया।
यमुना में अमोनिया बढ़ने से कई इलाकों में जलापूर्ति बाधित
दिल्ली में वजीराबाद के निकट यमुना नदी में अमोनिया की मात्रा तीन पीपीएम तक बढ़ने के कारण राजधानी के कुछ इलाकों में रविवार को पानी की आपूर्ति बाधित रही। अमोनिया का स्तर बढ़ने की वजह से राजधानी के वाटर ट्रीटमेंट प्लांटों में उत्पादन प्रभावित हुआ। दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने एक बयान में कहा था कि हरियाणा से भारी मात्रा में सीवेज और औद्योगिक कचरा छोड़े जाने के कारण दिल्ली के वाटर ट्रीटमेंट प्लांटों में उत्पादन प्रभावित हुआ है। राघव चड्ढा ने ट्वीट कर कहा था कि हम यमुना नदी में अमोनिया के स्तर को नियंत्रित करने के लिए हरियाणा के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। दिल्ली जल बोर्ड आपूर्ति को जल्द से जल्द बहाल करने और अमोनिया के स्तर को नीचे लाने के लिए अथक प्रयास कर रहा है।