पंजाब कांग्रेस में आंतरिक कलह खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। एक तरफ नवजोत सिंह सिद्धू ने प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा वापस लेते हुए अल्टीमेटम दिया है कि जब तक अटॉर्नी जनरल नहीं हटते हैं, वह जिम्मेदारी नहीं संभालेंगे। वहीं अब सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने इस मामले में चुप्पी तोड़ते हुए लीगल टीम का बचाव किया है। एक कार्यक्रम में बोलते हुए चरणजीत सिंह चन्नी ने सरकारी कानूनी टीम का समर्थन किया।
‘ड्रग्स केस में भी लीगल टीम ने किया है बेहतर काम’
मुख्यमंत्री ने ड्रग्स जैसे अहम मुद्दे को भी उठाया। उन्होंने कहा, ‘बेअदबी केस में हमारी कानूनी टीम गुरमीत राम रहीम से पूछताछ करने का आदेश हासिल करने में कामयाब रही है। हमारे वकील अदालत में ड्रग्स केस को लेकर भी लगातार लड़ाई लड़ रहे हैं। उम्मीद है कि 18 नवंबर को सील रिपोर्ट खुल जाएगी।
सिद्धू ने दिया था अटॉर्नी जनरल को हटाने का अल्टीमेटम
नवजोत सिंह सिद्धू ने शुक्रवार को पद से अपना इस्तीफा वापस लेते हुए कहा कि उन्होंने पार्टी को एक अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने कहा, जब तक शीर्ष सरकारी वकील एपीएस देओल को हटाया नहीं जाता, तब तक वह वापस नहीं आएंगे। सिद्धू ने नाराजगी जताते हुए कहा था, “जब नया महाधिवक्ता नियुक्त किया जाएगा तो मैं पार्टी कार्यालय जाऊंगा और कार्यभार संभाल लूंगा…सुमेध सैनी के लिए जमानत पाने वाला वकील महाधिवक्ता कैसे हो सकता है और आईपीएस सहोता जैसा व्यक्ति डीजीपी कैसे हो सकता है।”
एजी एपीएस देओल ने भी सिद्धू पर किया है पलटवार
सिद्धू ने कहा था कि मैं इन मुद्दों के बारे में नए मुख्यमंत्री को याद दिलाता रहा हूं। ड्रग्स और बेअदबी के मुद्दे को उजागर करने में अग्रणी कौन था? यह हमारे अध्यक्ष राहुल गांधी थे. हमें इन मुद्दों को हल करना चाहिए। इधर पंजाब के महाधिवक्ता एपीएस देओल ने भी शनिवार को कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि निहित स्वार्थों और राजनीतिक लाभ के लिए कांग्रेस पार्टी के कामकाज को खराब करने के लिए पंजाब के एडवोकेट जनरल के संवैधानिक कार्यालय का राजनीतिकरण करने का एक ठोस प्रयास किया जा रहा है।