पहली बार शिवसेना ने महाराष्ट्र के बाहर चुनाव में जीत हासिल की है। इस पर शिवसेना तो जश्न मना रही है लेकिन भाजपा इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते। केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता नारायण राणे ने दावा किया कि दादरा और नागरी हवेली पर उपचुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार की जीत को शिवसेना अपनी जीत के रुप में पेश करने की कोशिश कर रही है।
मुंबई में संवाददाताओं से बातचीत में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने कहा कि दादरा और नगर हवेली (एसटी) सीट पर हुए लोकसभा उपचुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार कलाबेन डेलकर की जीत को शिवसेना अपनी जीत के रूप में पेश करने की कोशिश कर रही है। जबकि उन्होंने शिवसेना का चुनाव चिह्न का इस्तेमाल ही नहीं किया।
भाजपा नेता ने कहा, “मैंने उनके(कलाबेन डेलकर) चुनाव चिह्न की जांच की तो पता चला कि उन्होंने ‘बल्लेबाज’ चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ा था, न कि शिवसेना के धनुष और तीर के चिह्न से।” बता दें कि नारायण राणे शिवसेना में 40 साल रहने के बाद कांग्रेस से होते हुए भाजपा में शामिल हुए थे।
शिवसेना पर तंज कसते हुए राणे ने कहा, “शिवसेना को किसी और की जीत का श्रेय लेने की आदत पड़ी हुई है। उन्होंने अब हास्यास्पद दावे करना शुरू कर दिए हैं कि वे दिल्ली पर कब्जा कर लेंगे।” राणे ने कहा कि शिवसेना ने 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करिश्मे के कारण 56 सीटें जीती थी। अब यह पार्टी आठ से ज्यादा सीटें नहीं जीत पाएगी। राणे कुछ वक्त के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं।
बता दें कि हाल ही में संपन्न हुए उपचुनाव में कलाबेन डेलकर ने दादरा नागर हवेली की लोकसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी महेश गावित को 51,269 मतों के अंतर से हराया था। कलाबेन डेलकर को 1,18,035 वोट मिले, जबकि गावित को 66,766 मतों से संतोष करना पड़ा था।