विधानसभा चुनावों की तैयारियों में लगीं बसपा प्रमुख मायावती को बड़ा झटका लगा है। बसपा भाईचारा के प्रदेश संयोजक चिंतामणि ने पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा है कि पार्टी में वह लक्ष्यों व अपने पदीय दायित्वों को सामज के सामने स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करने में अपने को असमर्थ पा रहे हैं।
चिंतामणि ने बसपा सुप्रीमो मायावती को सोमवार को पत्र लिखकर कहा है कि आपने मेरी सेवानिवृत्ति के बाद मुझे बसपा में बहुजन समाज की सेवा करने, डा. भीमराव अंबेडकर और कांशीराम के कारवां को बढ़ाने का दायित्व दिया था। मैंने पिछले आठ सालों से पूरी निष्ठा व लगन से पूरे प्रदेश में इसे निभाने का काम किया। मौजूदा समय ऐसा प्रतीत हो रहा है कि पार्टी के जनाधार को बढ़ाने के लिए समेकित प्रयास नहीं हो पा रहा है। इससे बहुजन समाज अलग-थलग पड़ गया है। अत्याचार व शोषण और अन्यास से अपने को बचाने में बहुजन समाज असहाय महसूस कर रहा है।
उन्होंने पत्र में यह भी कहा है कि जिस बहुजन समाज को जगाकर एवं उन्हें एकजुट करके पार्टी ने राजनीति सत्ता प्राप्त की थी वह अब सही दिशा के अभाव में बिखरती सी प्रतीत हो रही है। ऐसी असमंजन व दिशाहीन की स्थिति में समाज की सेवा व मदद पार्टी के माध्यम से किस प्रकार संभव होगा। इसका साफ रास्ता दिखाई नहीं पड़ रहा है।