लखीमपुर हिंसा में पकड़े गए भाजपा सभासद सुमित जायसवाल समेत चार लोगों की जमानत अर्जी अदालत ने खारिज कर दी है। ऐसे में अब चारों की दिवाली जेल में ही बितेगी। वहीं गृहराज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे और हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत पर फैसला तीन नवंबर को आना है। वहीं, सुमित की तरफ से दर्ज कराए गए दूसरे मुकदमे में एक के खिलाफ गैर जमानतीय वारंट के लिए अर्जी दी गई है।
लखीमपुर के तिकुनिया में हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी। चारों किसानों को गाड़ियों से कुचलकर मार डालने का आरोप लगा था। जिस थार जीप से किसानों को कुचलकर मारा गया था, सभासद सुमित जायसवाल उसी जीप में सवार था। घटना के बाद सुमित के जीप में से निकलकर भागते वीडियो भी वायरल हुआ था। आशीष मिश्रा के बाद सुमित जायसवाल को पुलिस ने पकड़ा था। उसे रिमांड पर भी लिया गया था।
पुलिस ने 22 अक्तूबर से 25 अक्तूबर तक सुमित के अलावा शिशुपाल, सत्यप्रकाश उर्फ सत्यम त्रिपाठी और नन्दन सिंह को रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी। सुमित जायसवाल घटना का चश्मदीद गवाह है। उसने मीडिया में भी कई बयान दिए थे। तिकुनिया कांड में किसानों की ओर से दर्ज मुकदमे में पुलिस अब तक 13 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें से सात आरोपी जेल में है। सुमित जायसवाल समेत चारों ने जेल से बाहर आने के लिए जमानत अर्जी सीजेएम कोर्ट में लगाई थी। सोमवार को हुई सुनवाई के बाद अर्जी को खारिज कर दिया गया।