राजस्थान प्रशासनिक सेवा की परीक्षा के दौरान महिला अभ्यर्थियों के टॉप के बाजू काटने की घटना तूल पकड़ने लगी है। राष्ट्रीय महिला आयोग ने इसको लेकर राजस्थान के मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। आयोग ने इसके लिए जिम्मेदार लोगों के ऊपर कड़ी कार्रवाई करने की सिफारिश की है।
दुपट्टे और जूते भी उतारने पड़े
गौरलतब है कि बुधवार को राजस्थान प्रशासनिक सेवा (आरएएस) की प्री परीक्षा का आयोजन हुआ था। इसमें 3,20,0034 उम्मीदवार शामिल हुए थे। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक इस दौरान परीक्षा में चीटिंग रोकने के प्रयास के तहत कई जगहों पर महिला अभ्यर्थियों के टॉप की बाजू काट दी गई थी। सिर्फ इतना नहीं तमाम महिला उम्मीदवारों का परीक्षा केंद्र पर दुपट्टा भी उतरवा लिया गया था। इसके अलावा जूते, ईयररिंग्स और हेयरबैंड्स भी हटा दिए गए थे। राष्ट्रीय महिला आयोग ने अपने बयान में कहा कि यह महिला अस्मिता का सरासर अपमान है। साथ ही आयोग ने इस महिला को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने सवाल उठाया है कि परीक्षा केंद्र पर महिला अभ्यर्थियों की जांच के लिए महिला गार्ड क्यों नहीं तैनात किए गए थे?
अभ्यर्थियों ने जताई नाराजगी
महिला आयोग ने इस पत्र की चिट्टी राजस्थान पब्लिक सर्विस कमीशन को भी भेजी है। आयोग ने इस मामले में कार्रवाई के लिए कहा है। गौरतलब है कि इससे पूर्व रीट और पटवारी परीक्षा के दौरान भी पुरुष गार्ड की उपस्थिति में महिला अभ्यर्थियों को चेकिंग के नाम पर शर्मसार होना पड़ा था। पटवारी एग्जाम में शामिल हुई एक महिला अभ्यर्थी ने बताया कि परीक्षा के दौरान पुरुष गार्ड की मौजूदगी में उन्हें अपना दुपट्टा हटाना पड़ा। उन्होंने कहा कि इस दौरान हमारे साथ ऐसा व्यवहार किया गया जैसे हम कोई अपराधी हैं। बाद में एक महिला गार्ड ने हमारी तलाशी भी ली कि कहीं हमने कोई नकल सामग्री तो नहीं छुपा रखी है।