यूपी पुलिस की कार्यशैली पर आए दिन सवाल उठते रहते हैं। कभी सिपाही की करतूत तो कभी दारोगा जी के अभद्र व्यवहार के चलते विभाग का नाम खराब होता है। हालांकि कुछ मामलों में पुलिस की छवि सुधरी है इसके बाद भी विभाग के कर्मी अपने ही डिपार्टमेंट पर नाम खराब करने से बाज नहीं आते। ऐसा ही कुछ मामला यूपी के कानपुर से भी सामने आया है। यहां कुछ दिन पहले रात में एक बड़ी वारदात हो गई। रात को हुई इस घटना में खूब खून-खराब हुआ। इस खौफनाक रात के बारे में भी जो भी सोचता है सिहर सा उठता है। मामला चौबेपुर गांव का है। यहां गुरुवार को घर पर आनंद कुमार कुरील के छोटे बेटे की पत्नी अनुराधा घर पर मौजूद थी। उस रात का दृष्य इतना भयावह था कि अनुराधा ने रोते हुए उसे बयां किया। उसने कहा कि दरोगा के सामने घटना हो रही थी और वह कह रहे थे कि इन्हीं दोनों (बहू अनुराधा और संदीपा) से घटना हुई है। इन्हें लाद लो।
अनुराधा ने बताया कि दरोगा परिवार की बहू बेटियों पर गलत नजर रखता था। घटना वाली रात वह त्रिवेदी परिवार के साथ बैठ शराब पी रहा था। एकाएक श्रीकृष्ण त्रिवेदी के बेटे राजन आदि ने गाली देना शुरू किया। बात बढ़ गई और सभी आरोपितों ने लाठी, फरसा, डंडा आदि लेकर घर पर हमला बोल दिया। दरोगा के सामने गेट पर फरसा मार फाड़ दिया। राजन व शोभित ने आनंद को बाहर घसीट लिया। अनुराग और अभिषेक आदि ने संदीपा और सास आशा को बेरहमी से पीटा। उस दौरान दरोगा गोपीकृष्ण बोला कि इन्हीं दोनों की वजह से यह घटना हुई। दोनों नई मॉडल हैं इन्हें ले चलो थाने। वहीं चलकर देखते हैं। इसके बाद दोनों दरोगा वहां से चले गए।
काट दी गई थी बिजली
अनुराधा ने बताया कि जब आरोपित घर में घुस आए और दरोगा वहां से निकल गए तो गांव की बत्ती काट दी गई, जिससे कि वीडियो न बनाया जा सके। अंधेरा होने पर आरोपितों ने परिवार वालों को भी घसीटकर पीटा।
पहले भी घर में घुस चुका है दरोगा
अनुराधा ने बताया कि संदीपा ने 26 जून 2021 को एक मुकदमा श्रीकृष्ण त्रिवेदी के बेटे राजन, शोभित, अनुराग और भतीजे अभिषेक के खिलाफ दर्ज कराया था। इसमें पुलिस ने मारपीट और एससी-एसटी एक्ट की धारा लगाई थी। इसी रिपोर्ट के बाद 27 जून 2021 को श्रीकृष्ण के बेटे सुनील ने आनंद के बेटे अमित और रवि के खिलाफ मारपीट की एनसीआर दर्ज कराई थी। इसी एससी एसटी एक्ट के मुकदमें को हटवाने के लिए त्रिवेदी परिवार और दरोगा दवाब बनाने में लगे थे। अनुराधा ने बताया कि इसी मुकदमे में तीन माह पहले भी दरोगा गोपीकृष्ण रात में 12 बजे समन तामील कराने उनके घर में घुस आया था। उसने गंदी नजरों से संदीपा और अनुराधा से बात की थी। तब भी हंगामा हुआ था और दरोगा वहां से भाग निकला था।