राजधानी दिल्ली के सात इलाकों की हवा बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई है। इन निगरानी केन्द्रों का वायु गुणवत्ता सूचकांक गुरुवार के दिन 300 के अंक से ऊपर रहा। जबकि, दिल्ली के प्रदूषण में पराली के धुएं की हिस्सेदारी भी बढ़कर 19 फीसदी तक पहुंच गई है। सफर का अनुमान है कि शुक्रवार को समग्र तौर पर पूरी दिल्ली की हवा खराब श्रेणी में पहुंच सकती है।
दिल्ली के लोगों के लिए दमघोंटू प्रदूषण वाले दिनों की शुरुआत हो गई है। इससे पहले रिकार्ड बारिश के चलते दिल्ली के लोगों ने इस साल अपेक्षाकृत ज्यादा साफ-सुथरी हवा में सांस ली है। लेकिन, मानसून की वापसी के साथ ही पंजाब और हरियाणा के खेतों में पराली जलाए जाने की शुरुआत हुई और अब यह जोर पकड़ती जा रही है। इसके साथ ही दिल्ली की हवा में पराली के धुएं की हिस्सेदारी भी बढ़ती जा रही है। सफर के मुताबिक गुरुवार के दिन दिल्ली की हवा में पराली के धुएं की हिस्सेदारी 19 फीसदी तक पहुंच गई। एक दिन पहले यानी बुधवार के दिन यह 16 फीसदी के स्तर पर रही थी। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक गुरुवार के दिन दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 268 के अंक पर रहा। इस स्तर की हवा को खराब श्रेणी में रखा जाता है।
लेकिन, ज्यादा चिंता की बात यह है कि दिल्ली के सात निगरानी केन्द्र ऐसे हैं जहां का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के अंक से ऊपर यानी बेहद खराब श्रेणी में पहुंचे हुए हैं। इनमें शादीपुर, दिलशाद गार्डेन और आनंद विहार जैसे भीड़-भाड़ वाले इलाके भी शामिल हैं। सफर का अनुमान है कि शुक्रवार तक समग्र तौर पर भी दिल्ली की वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में पहुंच सकती है। मौसम के किसी सक्रिय सिस्टम के अभाव में यह स्थिति ज्यादा दिनों के लिए भी बनी रह सकती है।
मानकों से ढाई गुना ज्यादा प्रदूषण
राजधानी दिल्ली की हवा में इस समय प्रदूषण का स्तर मानकों से ढाई गुना ज्यादा है। सीपीसीबी के मुताबिक शाम के चार बजे हवा में प्रदूषक कण पीएम 10 की मात्रा 255 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और पीएम 2.5 की मात्रा 177 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रही। मानकों के मुताबिक हवा में पीएम 10 का स्तर 100 से नीचे और पीएम 2.5 का स्तर 60 से नीचे होना चाहिए। इस तरह से देखा जाए तो दिल्ली की हवा में समय ढाई गुने से भी ज्यादा प्रदूषण मौजूद है।
उत्तर-पश्चिमी हवा ला रही प्रदूषण
सफर के मुताबिक उत्तर पश्चिमी दिशा से आने वाली हवा अपने साथ पंजाब और हरियाणा के खेतों में जल रही पराली का धुआं भी ला रही है। इसके चलते दिल्ली की हवा में पराली के धुएं की हिस्सेदारी बढ़ती जा रही है। एक दिन पहले पराली जलाने की 502 घटनाएं दर्ज की गई हैं। आने वाले दिनों इसके और बढ़ने की आशंका है।