सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार सुपरटेक ग्रुप को 252 खरीददारों के पैसे 30 अक्तूबर तक लौटाने हैं, लेकिन इस धनराशि का इंतजाम करना आसान नहीं है, जिसको देखते हुए बिल्डर ग्रुप के द्धारा इसके लिए भी सुप्रीम कोर्ट से अतिरिक्त समय की मांग की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट के द्धारा 30 अगस्त को किए गये आदेश के अनुसार 30 अक्तूबर तक सुपरटेक को इन सभी 252 खरीददारों को 12 प्रतिशत ब्याज के साथ उनकी धनराशि लौटानी है। जिसके लिए बिल्डर की टीम सभी खरीददारों से समझौता करने में लगी है और उन्हें ग्रुप के दूसरे प्रोजेक्टो मे अपना फ्लैट लेने के लिए भी कहा गया है। जिनके द्धारा इस प्रोजेक्ट में जमा करायी गई धनराशि को वह दूसरे प्रोजेक्ट में समायोजित कर देंगे। लेकिन अनेक खरीददार से हैं जो अब सुपरटेक के प्रोजेक्ट में संपत्ति लेने के लिए तैयार नहीं हैं और वह पैसा ही वापिस चाहते हैं।लेकिन बिल्डर ग्रुप इस समयावधि में सभी को पैसे नहीं लौटा सका है। जिसका लेकर सुपरटेक प्रबंधन का कहना है कि इस मामले को लेकर वह सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर अतिरिक्त समय की मांग करने जा रहे हैं।
915 फ्लैटों का होना था निर्माण
2009 में सेक्टर 93 ए में स्थित एमराल्ड सोसाइटी परिसर में एपेक्स व सियान टावर बनने प्रारम्भ हुए थे। इन टावरों में बिल्डर के द्वारा 915 फ्लैट और 21 दुकानें बनायी जानी थी। जिसमे से 633 फ्लैटों की बुकिंग भी कर ली गई थी। इस प्रोजेक्ट को 2014 में हाईकोर्ट ने ध्वस्त करने का आर्डर दिया था। तभी से यहां पर काम बंद है और 33-33 मंजिलों का निर्माण हो चुका है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद बिल्डर ने 133 खरीददारों को अन्य योजना में शिफ्ट कर दिया था बुकिंग कराने वाले 248 खरीददार अपना पैसा वापिस ले चुके हैं। लेकिन 252 खरीददारों ने ना पैसा लिया था और ना अन्य प्रोजेक्ट में शिफ्ट हुए थे। सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त को सुनाये फैसले में कहा था इन खरीददारों को 12 प्रतिशत ब्याज के साथ धनराशि वापिस लौटायी जाए और यह धनराशि 30 अक्तूबर तक लौटानी है। जानकारो के अनुसार इन 252 खरीददारों की यहधनराशि सौ करोड़ रूपये से भी अधिक बैठती है और वर्तमान हालातों में बिल्डर के लिए इस धनराशि का भुगतान करना आसान नहीं है।
30 नवंबर तक गिराये जाने हैं टावर
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार इन दोनो टावरों को भी 30 नवंबर तक गिराया जाना है। लेकिन अभी तक इसके लिए कंपनी का चयन भी नहीं हो सका है और तय समय में टावरों को गिराने से कंपनियां भी इंकार कर रही हैं और वह इसके लिए अतिरिक्त समय की मांग कर रही हैं। जिसको लेकर भी सुप्रीम कोर्ट में अपील की जा रही है और अतिरिक्त समय मांग रहे हैं। आने वाले दिनों में बढ़ते प्रदूषण के कारण लगे ग्रैप के कारण इस काम में और मुश्किलें आने की भी संभावना व्यक्त की जा रही है।