दिल्ली के ओल्ड सीमापुरी इलाके में मंगलवार सुबह एक मकान में आग लगने से एक ही परिवार के चार सदस्यों की मौत हो गई। मृतकों में पति-पत्नी और बेटी-बेटा शामिल हैं। एक साथ चार मौतों से हंसता-खेलता पूरा परिवार एक पल में उजड़ गया। हालांकि, हादसे में परिवार का एक बेटा सकुशल बच गया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह घटना तब हुई जब ये लोग सो रहे थे।
मृतकों की पहचान होरीलाल (59), उसकी पत्नी रीना (55), बेटा आशु (24) और बेटी रोहिणी (18) के रूप में हुई है। परिवार के सदस्य मकान की तीसरी मंजिल पर सो रहे थे, जबकि उनका 22 वर्षीय बेटा अक्षय बाल-बाल बच गया क्योंकि वह दूसरी मंजिल पर सो रहा था। पुलिस ने सभी चारों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजकर मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
फेफड़ों में धुआं भर जाने के कारण हुई मौत?
डीसीपी (शाहदरा) आर. सत्यसुंदरम ने बताया कि हमारी पुलिस टीम और दमकल कर्मी तुरंत घटनास्थल पहुंचे और आग पर काबू पाया। हादसे में चार लोगों की मौत की खबर मिलते ही क्राइम टीम, फॉरेंसिक साइंस लैब के अधिकारी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी घटनास्थल पर पहुंच गए। पुलिस ने बताया कि आग मकान की तीसरी मंजिल में लगी और फिर फैल गई होगी। उम्मीद है कि परिवार के इन सदस्यों की मौत फेफड़ों में धुआं भर जाने के कारण हुई होगी, लेकिन केवल पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में ही मौत की असली वजह का पता चल पाएगा।
होरीलाल की मार्च 2022 में थी रिटायरमेंट
पुलिस ने बताया कि परिवार में बचा एकमात्र सदस्य अक्षय सफियाबाद में मजदूरी करता है। वह काम के बाद देर रात करीब दो बजे घर आया था। वह खाना लेने तीसरी मंजिल पर गया और बाद में दूसरी मंजिल पर आकर सो गया। वह बच गया क्योंकि आग तीसरी मंजिल से आगे नहीं फैली। उन्होंने बताया कि होरीलाल शास्त्री भवन, दिल्ली में सहायक के तौर पर काम करता है और उसे मार्च 2022 में रिटायर होना था। उसकी पत्नी नगर निगम में सफाईकर्मी के तौर पर काम करती थी। उसकी बेटी एक सरकारी स्कूल में 12वीं कक्षा में पढ़ती थी, जबकि बेटा बेरोजगार था।
25 वर्ग गज के क्षेत्र में बना है मकान
दिल्ली फायर सर्विस (DFS) के डायरेक्टर अतुल गर्ग ने बताया कि आग लगने के बारे में मंगलवार सुबह करीब चार बजे सूचना मिली और दमकल की चार गाड़ियों को तुरंत घटनास्थल पर भेजा गया। उन्होंने बताया कि मकान की तीसरी मंजिल पर बने एक कमरे में रखे सामान में आग लग गई थी, जिसके बाद चार लोगों की मौत हो गई। ये लोग घटनास्थल पर ही मृत पाए गए। करीब 25 वर्ग गज के क्षेत्र में बने इस मकान में ग्राउंड फ्लोर समेत तीन मंजिल हैं।
डीसीपी ने बताया कि सभी शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए गुरु तेग बहादुर अस्पताल भेजा गया है। भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 436 (मकान को नष्ट करने के इरादे से आग या विस्फोटक पदार्थ का इस्तेमाल करना) और 304 ए (लापरवाही से मौत) के तहत एक मामला दर्ज किया गया है।