दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने शनिवार को 200 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुकेश चंद्रशेखर (Sukesh Chandrashekhar) और उसकी अभिनेत्री पत्नी लीना मारिया पॉल ( Leena Maria Paul) और अन्य को 1 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। रिमांड खत्म होने पर सुकेश चंद्रशेखर और लीना मारिया पॉल और अन्य को कोर्ट में पेश किया गया था।
कारोबारी की पत्नी से दो सौ करोड़ रुपये की धोखाधड़ी से जुड़े मामले में आरोपी चन्द्रशेखर, उसकी पत्नी लीना व एक अन्य को अदालत ने एक नवंबर तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
पटियाला हाउस कोर्ट स्थित विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह की अदालत में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कहा कि आरोपी चन्द्रशेखर व लीना मारिया पॉल पूछताछ पूरी हो चुकी है। उन्हें रिमांड पर रखने से अब कोई फायदा नहीं है। लिहाजा इस दंपति को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया जाए। अदालत ने जांच एजेंसी की दलील सुनने के बाद दंपति को न्यायिक हिरासत में भेजने के निर्देश दिए। आरोपी दंपति को इस मामले में 9 अक्टूबर 2021 को गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद से इस मामले के अन्य आरोपियों तक पहुंचने के लिए इस दंपति को रिमांड पर रखा गया था।
ईडी का कहना था कि मामले में जांच अभी जारी है। कुछ और लोगों की गिरफ्तारी संभव है। इससे पहले धन का स्रोत पता करने के लिए आरोपियों को रिमांड पर लेकर आमना-सामना कराया गया था।
ईडी की ओर से एडवोकेट अतुल त्रिपाठी और मोहम्मद फराज, विशेष लोक अभियोजक आर.के. शाह पेश हुए, जबकि मामले में आरोपी सुकेश चंद्रशेखर और लीना मारिया पॉल की ओर से वकील अनंत मलिक, रोहन यादव और गायत्री जामवाल पेश हुए।
इससे पहले, कोर्ट ने नोट किया कि लीना मारिया पॉल के निर्देशों पर पैसा ले जाया जा रहा था, मुकदमा का ट्रायल अभी शुरू नहीं हुआ है, अगर ईडी को हिरासत में नहीं दिया गया, तो धन का स्रोत जो वर्तमान में अज्ञात है, ठंडा पड़ जाएगा। अदालत ने इस बात का भी संज्ञान लिया कि घटना के समय चंद्रशेखर दिल्ली की रोहिणी जेल में बंद था और सलाखों के पीछे से रंगदारी का रैकेट चला रहा था।
वित्तीय जांच एजेंसी ईडी ने हाल ही में उन्हें दिल्ली की एक जेल से चलाए जा रहे जबरन वसूली रैकेट में धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया है। मामले में ईडी ने दो सह-आरोपियों प्रदीप रामदानी और दीपक रमनानी को भी गिरफ्तार किया है।
ईडी के मुताबिक, जांच के दौरान चंद्रशेखर और उसके साथियों से जुड़े विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की गई। धारा 17 पीएमएलए के तहत 16 लग्जरी वाहन जब्त किए गए और ये कारें या तो लीना पॉल की फर्मों के नाम पर हैं या तीसरे पक्ष के नाम पर हैं।य
यह भी बताया गया कि सुकेश ने जानबूझकर अपराध की आय को इधर से उधर करने के साथ ही मनी लॉन्ड्रिंग की प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लिया। सुकेश और मारिया पॉल सहित कई अन्य आरोपियों को पहले दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पुलिस ने हाल ही में मामले में महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) भी लगाया है।
दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया था कि लीना, सुकेश ने अन्य लोगों के साथ हवाला रूट्स का इस्तेमाल किया, अपराध की आय से अर्जित धन को ठिकाने लगाने के लिए शेल कंपनियां बनाईं।
दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने चंद्रशेखर के खिलाफ देशभर में कई मामलों में चल रही जांच के अलावा रेनबैक्सी के पूर्व प्रमोटरों शिविंदर सिंह और मलविंदर सिंह की पत्नी को 200 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के लिए एफआईआर दर्ज की थी।