पुलिस हिरासत में आगरा में मारे गए सफाई कर्मी अरुण वाल्मीकि के परिवार से मिलने आगरा जाने पर अड़ीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को काफी जद्दोजहद के बाद अंतत: बुधवार शाम को इसकी अनुमति मिल सकी। प्रशासन द्वारा पांच लोगों के साथ आगरा जाने की अनमुति दिए जाने के बाद प्रियंका गांधी शाम को रिजर्व पुलिस लाइंस लखनऊ से निकलीं। इससे पहले आगरा जाते समय उन्हें रोक लिया गया था।
प्रियंका गांधी बुधवार को दोपहर दो बजे लखनऊ से आगरा के लिए निकलीं। उनके साथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और कांग्रेस की चार्जशीट कमेटी के अध्यक्ष आचार्य प्रमोद कृष्णम् भी थे। लखनऊ शहर की सीमा से बाहर निकल कर लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस पर जाने से पहले ही पुलिस ने उनका काफिला रोक लिया। प्रियंका द्वारा इसकी वजह पूछे जाने पर पुलिस ने कहा कि आगरा में कानून-व्यवस्था प्रभावित हो सकती है, वहां के डीएम ने पत्र लिखा है।
इस पर प्रियंका गांधी ने कहा कि किसी पीड़ित परिवार से मिलने पर कानून-व्यवस्था कैसे बिगड़ सकती है, क्या आप लोग चाहते हैं कि आप लोगों की सुविधा के लिए मैं लखनऊ में ही रेस्ट हाउस में बैठी रहूं। हालांकि पुलिस ने उनकी दलीलें खारिज कर दी और उन्हें पुलिस लाइंस चलने को कहा। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू व प्रदेश महासचिव विश्वविजय सिंह समेत कुछ कांग्रेस नेताओं के साथ पुलिस की धक्का-मुक्की भी हुई। धक्का-मुक्की के समय खुद प्रियंका गांधी भी बगल में ही खड़ी थीं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अपना विरोध दर्ज कराया। अंतत: पुलिस प्रियंका गांधी को लेकर पुलिस लाइन आ गई, जहां वह लगभग दो घंटे हिरासत में रहीं। हालांकि पुलिस ने उनके हिरासत में होने से इनकार किया।
इस बीच प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा कि अरुण वाल्मीकि की मृत्यु पुलिस हिरासत में हुई। उनका परिवार न्याय मांग रहा है। मैं परिवार से मिलने जाना चाहती हूं। उत्तर प्रदेश सरकार को डर किस बात का है? क्यों मुझे रोका जा रहा है। आज भगवान वाल्मीकि जयंती है, पीएम ने महात्मा बुद्ध पर बड़ी बातें कीं लेकिन बुद्ध के संदेशों पर हमला कर रहे हैं।