कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में वृद्धि होने के साथ ही राजधानी दिल्ली के निजी अस्पतालों में मरीजों की संख्या भी काफी तेजी से बढ़ रही है। फिलहाल स्थिति यह है कि दिल्ली के बड़े निजी अस्पतालों में वेंटिलेटर युक्त आईसीयू वाले बेड्स उपलब्ध नहीं हैं।
दिल्ली के कोरोना ऐप में गुरुवार शाम साढ़े पांच बजे तक आए आंकड़ों के विश्लेषण के अनुसार, निजी अस्पतालों में वेंटिलेटर युक्त 1,212 आईसीयू बेड्स उपलब्ध हैं, जिनमें से 687 पर मरीज भर्ती हैं। वहीं 976 बिना वेंटिलेटर वाले आईसीयू बेड्स में से 642 पर मरीज भर्ती हैं।
आंकड़ों के अनुसार, मैक्स स्मार्ट साकेत, बत्रा अस्पताल, होली फैमिली, मैक्स अस्पताल शालीमार बाग, इन्द्रप्रस्थ अपोलो, फोर्टिस, वसंत कुंज, बी.एन. कपूर, फोर्टिस, शालीमार बाग, फोर्टिस एस्कॉर्टस हार्ट इंस्टीट्यूट जैसे बड़े अस्पतालों के आईसीयू में वेंटिलेटर युक्त एक भी बेड फिलहाल खाली नहीं है।
दिल्ली के सरकारी और निजी अस्पतालों में 14,205 बेड्स उपलब्ध हैं, जिनमें से 5,896 पर फिलहाल मरीज भर्ती हैं। ऐप के अनुसार, बेड्स पर मरीजों की भर्ती की दर 41.5 प्रतिशत है।
गौरतलब है कि 30 जुलाई को कोविड के मरीजों के लिए रिजर्व बेड्स पर उनके भर्ती होने की दर 18 प्रतिशत थी और उपलब्ध 16,038 बेड्स में से महज 2,958 बेड्स भरे हुए थे।
बता दें कि, दिल्ली में एक बार फिर तेजी से बढ़ते कोरोना वायरस के मामलों के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अधिकारियों को अस्पतालों में आईसीयू बेड्स की संख्या बढ़ाने और संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने गुरुवार को यह जानकारी देते हुए पत्रकारों को बताया कि प्लाज्मा थेरेपी का दिल्ली में उपयोग जारी रहेगा क्योंकि यह उन लोगों में प्रभावी साबित हो रही है जो कोविड-19 इलाज के पहले या दूसरे चरण में हैं, लेकिन तीसरे चरण या वेंटिलेटर वाले मरीजों पर यह प्रभावी नहीं है।
दिल्ली में ‘विकराल’ रूप दिखा रहा कोरोना, मौत का आंकड़ा फिर बढ़ा
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार, गुरुवार को दिल्ली में कोरोना के 4308 नए मरीज मिले, वहीं, 28 मरीजों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी। स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि दिल्ली में संक्रमितों की कुल संख्या 2,05,482 हो गई है। कल दिल्ली में 2637 मरीज पूरी तरह ठीक होकर अपने घर चले गए। राजधानी में अब कोरोना वायरस संक्रमण के एक्टिव मामले भी बढ़कर 25,416 हो गए हैं। वहीं, अब तक कुल 1,75,400 मरीज इस महामारी को मात देकर पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं। इसके साथ ही अब तक मरने वालों की संख्या 4666 हो गई है।