अगर आप दिल्ली में रहते या फिर यहां आते-जाते हैं और आपकी कार या बाइक का पॉल्यूशन सर्टिफिकेट (PUC Certificate) भी एक्सपायर हो गया तो आज ही रिन्यू करा लें, वरना आप मुसीबत में पड़ सकते हैं।
दरसल, वाहनों के धुएं से होने वाले प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली परिवहन विभाग ने बिना वैध पीयूसी सर्टिफिकेट चल रहे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पेट्रोल पंपों पर एक एन्फोर्समेंट ड्राइव शुरू की है। इसमें वैध पीयूसी सर्टिफिकेट के बिना पकड़े जाने पर मोटा चालान भी हो सकता है।
परिवहन विभाग के डीसी अनुज भारती ने बताया कि हमने यह सुनिश्चित करने के लिए इसे लॉन्च किया है कि वाहन प्रदूषण उत्सर्जन मानक का पालन कर रहे हैं। यदि पीयूसी प्रमाणपत्र अमान्य/समाप्त पाया जाता है तो हम ई-चालान भेजेंगे।
इसके साथ ही सरकार ने वाहनों के धुएं से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए सोमवार से राजधानी के 100 चौराहों पर ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ (Red Light On, Gaadi Off) अभियान की शुरुआत की है। यह अभियान एक महीने तक चलेगा। सरकार ने जनता से प्रदूषण के खिलाफ इस लड़ाई को सफल बनाने के लिए समर्थन देने की अपील की है। वाहनों से निकलने वाला धुआं तथा धूल किसी भी शहर में वायु प्रदूषण के मुख्य कारक होते हैं।
इस अभियान के दौरान राजधानी के 100 ट्रैफिक जंक्शनों पर सुबह 8 से दोपहर 2 बजे और दोपहर 2 से 8 बजे की दो शिफ्टों में 2,500 सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को तैनात किया जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक, ये सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स जनता को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तीन अपीलों की जानकारी देने वाले पर्चे बांटेंगे।
दिल्ली में प्रदूषण से लड़ने में मदद करने के लिए मुख्यमंत्री केजरीवाल ने पिछले हफ्ते लोगों से अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेने, सप्ताह में कम से कम एक दिन अपनी कारों का उपयोग करने से बचने और प्रदूषण मानदंडों के उल्लंघन के किसी भी मामले की रिपोर्ट ग्रीन दिल्ली ऐप पर करने की अपील की थी।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को कहा था कि पेट्रोलियम कंजर्वेशन रिसर्च एसोसिएशन (पीसीआरए) के आंकड़े बताते हैं कि यदि लोग ट्रैफिक सिग्नल पर गाड़ियां बंद करने के नियम का पालन शुरू कर दें तो प्रदूषण 13-20 प्रतिशत तक कम हो सकता है। उन्होंने कहा कि यह एक जन अभियान है और प्रदूषण से हमें मिलकर लड़ना होगा। राय ने बताया कि सितंबर में प्रदूषण स्तर सुरक्षित सीमा के भीतर ही था। उन्होंने कहा कि जाड़े के मौसम में प्रदूषण स्तर में वृद्धि होने का कारण मौसम में बदलाव, पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने के मामले बढ़ना आदि हैं।
राय ने कहा कि पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने के बारे में हम कुछ नहीं कर सकते, इसलिए हमारा प्रयास है कि दिल्ली में इस अभियान के जरिए वाहनों से और धूल के कारण होने वाले प्रदूषण को कम करें। यह अभियान 18 नवंबर तक चलेगा।