गाजियाबाद के सिद्धार्थ विहार की प्रतीक ग्रैंड सोसाइटी में एक बिल्डिंग के 25वें फ्लोर पर अपने फ्लैट की बालकनी से गिरकर से दो जुड़वां भाइयों की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत पुलिस के लिए पहेली बन गई है। पुलिस इस अनसुलझी पहेली को सुलझाने के लिए घटना की सभी संभावित एंगल से जांच कर रही है ताकि यह पता चल सके कि यह दुर्घटना थी या आत्महत्या।
क्षेत्र के थाना प्रभारी महिपाल सिंह ने बताया कि दोनों किशोरों के माता-पिता द्वारा इसे दुर्घटना बताए जाने एवं कोई शिकायत दर्ज कराने से इनकार करने के बावजूद पुलिस सभी संभावित एंगल से जांच कर रही है। पलानी दंपति ने पुलिस को बताया है कि दोनों भाई छिपकली से नफरत करते थे और हो सकता है कि इसी के चक्कर में उनकी जान चली गई।
उन्होंने कहा कि इस घटना की जांच कर रही पुलिस को यह भी शक हो रहा है कि कहीं यह किसी मोबाइल गेम के किसी चेलेंज से जुड़ी आत्महत्या तो नहीं है, क्योंकि दोनों किशोरों को मोबाइल गेम काफी पसंद था। शनिवार देर रात को अपार्टमेंट के 25वें फ्लोर पर अपने फ्लैट की बालकनी से दो भाइयों सत्य नारायण और सूर्या डी संदिग्ध परिस्थितियों में नीचे गिर गए थे। उनकी उम्र 14 साल थी। दोनों के गिरने की तेज आवाज पर गार्ड ने जब मौके पर जाकर देखा तो दोनों ही खून से लथपथ पड़े मिले।
थाना प्रभारी के अनुसार, उसके बाद गार्ड को उस स्थान के ऊपर 25वें फ्लोर पर फ्लैट की बालकनी की लाइट जलती हुई नजर आने के बाद वहां गया और उसने फ्लैट की मालकिन से उनके बच्चों के बारे में पूछा तो घर के लोगों को अपने बेटों की मौत का पता चला। इन दोनों बच्चों के पिता टी.एस. पलानी ने महज छह महीने पहले ही यह फ्लैट खरीदा था। इस दुर्घटना के दिन वह मुंबई गए हुए थे।
सिंह ने बताया कि मुंबई से लौटने के बाद पलानी और उनकी पत्नी ने यह कहते हुए शिकायत दर्ज कराने से इनकार कर दिया कि उनके बेटे दुर्घटनावश नीचे गिर गए। दंपति ने पुलिस को बताया कि उनके बेटों को चांद देखने का शौक था, उन्हें मोबाइल पर गेम खेलना भी पसंद था और वे छिपकली से नफरत करते थे तथा जब कभी वे छिपकली देख लेते थे तो वे उसे डराकर भगाने की कोशिश करते थे।
दंपति ने कहा कि उन्हें किसी गड़बड़ी की आशंका नहीं है। उन्होंने कहा कि उनका एक बेटा शायद पहले गिरा हो और उसे बचाने की कोशिश में दूसरा भी गिर गया होगा। हालांकि पुलिस को इसमें संदेह है।