रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी आरबीआई ने सालाना रिपोर्ट में दावा किया है कि देश में कृषि उत्पादन बढ़ा है। इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी। लेकिन, जब आप इन आंकड़ों का मिलान एनएसएसओ के आंकड़ों से करते हैं तो पता चलता है कि केंद्र सरकार किसानों की आय दोगुनी करने का टारगेट अब भी दूर है।
कृषि उत्पादन दो साल में 117 लाख टन बढ़ा
आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक देश में तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद कृषि उत्पादन साल-दर-साल बढ़ रहा है। 2017-18 में दो हजार 850 लाख टन कृषि उत्पादन था। 2018-19 में तकरीबन वहीं था, लेकिन 2019-20 में फिर 4% बढ़ गया और दो हजार 967 लाख टन हो गया। कृषि उत्पादन जिसमें मुख्य रूप से अनाज, दलहन और तिलहन आते हैं, वह दो साल में 117 लाख टन बड़ा है।
देश में हॉर्टिकल्चर उत्पादन जिसमें मुख्य रूप से सब्जियां और फल आते हैं भी बढ़ा है। आरबीआई के एनुअल रिपोर्ट के अनुसार देश में हॉर्टिकल्चर उत्पादन 2017-18 से 2019-20 के बीच दो साल में 2.81% बढ़ा है। वित्त वर्ष 2018-19 की तुलना में एक साल में यह 3% से ज्यादा बढ़ा है। पिछले एक साल में हॉर्टिकल्चर उत्पादन 87.58 लाख टन बढ़ा है और पिछले दो साल में यह 93 लाख टन से ज्यादा बढ़ा है।
किसान परिवारों की आय बढ़ी 4 हजार
केंद्र सरकार के संगठन नेशनल सैम्पल सर्वे ऑर्गेनाइजेशन यानी एनएसएसओ के मुताबिक 0.1 हैक्टेयर से कम जमीन रखने वाेल किसान अब भी महीने सात हजार 300 रुपए तक कमा पा रहे हैं। जिन किसानों के पास एक से दो हैक्टेयर जमीन है, उनके परिवारों की आय 11 हजार 810 रुपए है। 4 से 10 हैक्टेयर जमीन वाले बड़े किसानों की आय 31 हजार 560 रुपए है। औसत आय देखें तो छह साल में किसान परिवारों की कमाई सिर्फ चार हजार रुपए बढ़ी है। केंद्र सरकार हर छोटे किसान परिवार को सालाना 6 हजार रुपए पीएम-किसान निधि देती है। यह उनकी सालाना आय का महज 6% है।