राजस्थान में एक बार फिर सियासी हलचलें तेज हो गई हैं। ऐसा हुआ है राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दिल्ली पहुंचने के बाद। गौरतलब है कि गहलोत कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में हिस्सा लेने दिल्ली पहुंचे हुए हैं। गौरतलब है कि पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह को बदलने के समय पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश चौधरी ने बयान दिया था। इस बयान में उन्होंने कहा था कि गहलोत का प्लेन जब दिल्ली उतर जाएगा तब मानना कि मंत्रिमंडल का विस्तार शीघ्र होने वाला है।
अजय माकन भी दे चुके हैं संकेत
असल में पंजाब में मुख्यमंत्री बदले जाने के बाद प्रदेश के राजस्व मंत्री हरीश चौधरी से पूछा गया था कि मंत्रिमंडल का विस्तार कब होगा? उनके इस बयान के आधार पर प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा ने जोर पकड़ा है। इससे पहले राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन द्वारा मंत्रिमंडल विस्तार के बारे में कई बार संकेत दिए, लेकिन यह चर्चा तक ही सीमित रह गया। अजय माकन ने जयपुर में विधायकों से मिलकर सरकार और मंत्रियों के बारे में रायशुमारी भी ली। इस आधार पर माकन ने कुछ मंत्रियों को हटाने और संगठन के काम में लगाये जाने के संकेत दिये थे।
इसलिए थम गई थी चर्चा
चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा को हाल ही में गुजरात का प्रभारी बनाना इसी कवायद का हिस्सा माना जा रहा है। पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बगावत करने के बाद हुए समझौते में मंत्रिमंडल विस्तार पर उनके विधायकों को लेने की शर्त पर पिछले समय से कयास ही लगते रहे हैं। पायलट भी अपने समझौते की शर्त को मनवाने के लिए दबाव बनाना शुरू किया। लेकिन कुछ समय से वह भी इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी चुप्पी साध रखी थी। बाद में उनका स्वास्थ्य भी खराब हो गया। इसके बाद विधानसभा उपचुनाव के कारण भी मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा थम गई।